नई दिल्लीः प्रियंका गांधी मज़दूरों को लाने ले जाने के लिए बस भेजना चाहती थीं. वो भी एक दो नहीं बल्कि एक हज़ार. योगी आदित्यनाथ ने बसों के काग़ज़ मांग लिए. जांच हुई तो कुछ कार, ट्रैक्टर और थ्री व्हीलर निकल गए. फिर काग़ज़ के चक्कर में बस बेबस होकर यूपी बोर्डर से लौट गई. प्रियंका गांधी ने फ़ेसबुक लाइव करते हुए कहा कि वे तो सेवा करना चाहती थीं. योगी सरकार चाहे तो गाड़ियों पर बीजेपी का झंडा लगवा दे. पर बस तो ले लेना चाहिए. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ तो सामने नहीं आए. लेकिन उनकी टीम लगातार प्रियंका पर हमले करती रही.


मेरी बस और तेरी बस के पॉलिटिक्स में नया मोड़ आ गया है. राजस्थान सरकार ने यूपी सरकार को 36 लाख रूपये का बिल भेज दिया है. ये बिल तबका है जब कोटा से यूपी के बच्चे आगरा और झांसी तक आए थे. ये बात 17 अप्रैल की है. अब ज़रा पूरा मामला समझ लीजिए. कोटा में कोचिंग करने वाले स्टूडेंट्स लॉकडाउन के बाद से परेशान थे. वे वहं से लगातार यूपी के सीएम ऑफिस को वीडियो भेज रहे थे.



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों को वापस बुलाने का फ़ैसला कर लिया. ऐसा करने वाला यूपी देश का पहला राज्य था. यूपी सरकार ने 560 बसें कोटा भेज दीं. ये बसें 10 हजार बच्चों को लाने के लिए भेजी गई थीं. लेकिन कुछ और स्टूडेंट्स ने भी घर जाने की ज़िद पकड़ ली. आनन फ़ानन में राजस्थान राज्य परिवहन निगम से 70 बसें भाड़े पर ली गईं. वहां के ट्रांसपोर्ट विभाग ने डीज़ल भराने की मांग की. यूपी सरकार ने बाद में पेमेंट करने की बात की. लेकिन एक नहीं सुनी गई. आख़िरकार चेक से 19 लाख 76 हज़ार रूपये दिए गए. सभी बच्चे सकुशल कोटा से अपने अपने घर लौट गए हैं.


राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने 70 बसें के बदले 36 लाख रूपये का बिल थमा दिया है. कांग्रेस और बीजेपी के बीच बसों को लेकर घमासान मचा है. इसी बीच ये चिट्ठी भी सामने आई है. यूपी सरकार के एक मंत्री ने कहा कि प्रियंका गांधी का यही सेवा धर्म है. बच्चों को घर पहुंचाने के बदले उनकी पार्टी की सरकार किराया वसूलने में लगी है. इस पर कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह कहते हैं कि तब यूपी सरकार और राजस्थान सरकार में यही तय हुआ था. फिर इस बात पर विवाद क्यों खड़ा किया जा रहा है ?


बस पॉलिटिक्स में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी प्रियंका का समर्थन किया था. बसों के मामले में ग़लत जानकारी देने पर प्रियंका के सचिव संदीप सिंह पर केस भी दर्ज हो गया है. लेकिन अभी उनकी गिरफ़्तारी नहीं हुई है. जबकि इसी मामले में यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय लल्लू को पुलिस पकड़ चुकी है.


कांग्रेस बस और बेबस मज़दूर के बहाने कांग्रेस यूपी में अपनी ताक़त बढ़ाने की जुगत में है. इसी कहानी में एक और ट्विस्ट है. नोएडा बोर्डर से बुधवार की शाम कांग्रेस की क़रीब तीन सौ बसें वापस कर दी गई थीं. ट्रांसपोर्ट विभाग के एक अफ़सर की मानें तो कई बसें सिर्फ़ 19 और 20 मई के लिए बुक की गई थीं. ऐसे में ये बसें कैसे यूपी जा सकती थीं. हरि अनंत, हरि कथा अनंता की तरह ये बस की राजनीति भी हो गई है.


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