(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बंगाल: BJP पर भड़कीं सुजाता मंडल खान, बोलीं- तीन तलाक खत्म करने वाली पार्टी ने मेरे पति को तलाक के लिए उकसाया
सुजाता मंडल खान के टीएमसी ज्वाइन करने पर मामला इतना बिगड़ा कि राजनीति की लड़ाई निजी रिश्तों तक आ गई. बीजेपी नेता सौमित्र खान ने अपनी पत्नी को तलाक का नोटिस भेज दिया. उन्होंने यह भी कह दिया वे अपने नाम से खान सरनेम हटा दें.
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में राजनीतिक लड़ाई पर निजी रिश्तों और फैमिली ड्रामे पर आ गई है. बीजेपी सांसद सौमित्र खान की पत्नी सुजाता खान ने पार्टी पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए टीएमसी ज्वाइन की. इसके कुछ देर बाद ही सौमित्र खान ने अपनी पत्नी को तलाक का नोटिस भेज दिया. अब सुजाता मंडिल खान ने तलाक के मुद्दे पर अपने पति और बीजेपी दोनों को घेरा है. सुजाता मंडल खान ने कहा कि जिस पार्टी ने तीन तलाक खत्म किया अब मेरे पति से मुझे तलाक देने के लिए कह रही है.
बता दें कि सुजाता और सौमित्र खान की खान की शादी दस साल पहले हुई थी. लेकिन चुनावी संग्राम की आंच उनके अपने निजी रिश्ते पर भी आ गई. सुजाता मंडल खान के टीएमसी में जाने से पहले अमित शाह के दौरे के दौरान शुभेंदु अधिकारी समेत कुछ टीएमसी नेताओं ने बीजेपी ज्वाइन की थी.
सौमित्र खान के तलाक देने के बाद शुजाता ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा, ''जब राजनीति आपके निजी जीवन में आ जाती है तो इसका बुरा असर रिश्तों पर होता है. सौमित्र बीजेपी के गलत लोगों के साथ हैं जो उन्हें मेरे खिलाफ भड़का रहे हैं. जिस पार्टी ने तीन तलाक को खत्म किया वो सौमित्र से मुझे तलाक देने के लिए कह रही है.''
सुजाता मंडल खान के नाम में सरनेम खान होने की वजह से लोग सवाल पूछने लगे. हम आपके लिए कुछ ऐसे ही सवालों जवाब लेकर आए हैं.
क्या सुजाता मंडल खान पहले भी टीएमसी में रह चुकी हैं? जी हां, यह पहला मौका नहीं है जब सुजाता मंडल खान ममता बनर्जी की पार्टी में शामिल हुई हैं. इससे पहले भी वो टीएमसी में रह चुकी हैं.
सुजाता मंडल खान के पति सौमित्रा खान किस सीट से चुनाव जीते हैं? सौमित्र खान पश्चिम बंगाल की विष्णुपुर सीट से लोकसभा सांसद हैं. उन्होंने साल 2019 के चुनाव में टीएमसी के श्यामल सांतरा को मात दी थी. इस जीत श्रेयर सौमित्र खान की पत्नी सुजाता मंडल को ही दिया जाता है.
पति की जीत का सेहरा सुजाता मंडल खान को क्यों दिया जाता है? दरअसल सौमित्र खान आपराधिक केस में फंसे थे. लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें कोर्ट से जमानत तो मिली लेकिन क्षेत्र में प्रचार की मनाही थी. कोलकाता हाई कोर्ट ने उनके निर्वाचन क्षेत्र में घुसने पर ही पाबंदी लगा दी थी. इसके बाद प्रचार का मोर्चा का सुजाता मंडल ने संभाला. उन्होंने पूरे क्षेत्र में जोरदार प्रचार किया और अपने पति को जीत दिलाई.
क्या बिष्णुपुर सीट रिजर्व कटैगरी में आती है? जी हां, बिष्णुपुर सीट रिजर्व कटैगरी में आती है. यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.
सुजाता मंडल खान का संबंध किस समाज से है? यही वो सवाल है जिस पर सोशल मीडिया का पूरा फोकस है. बता दें कि सुजाता मंडल खान एससी समाज से आती हैं. उनके सरनेम के चलते लोगों को उनके मुस्लिम होने का भ्रम होता है.
क्यों बीजेपी छोड़ थाम लिया टीएमसी का हाथ? सुजाता मंडल का आरोप है कि उन्होंने अपने पति को जिताने के लिए जो मेहनत उसका श्रेय उन्हें नहीं मिला. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, "पति को संसद के लिए निर्वाचित कराने के वास्ते शारीरिक हमले झेलने समेत काफी बलिदान देने के बावजूद मुझे बदले में कुछ नहीं मिला. मैं हम सबकी प्रिय नेता ममता बनर्जी और हमारे दादा अभिषेक बनर्जी के मातहत काम करना चाहती हूं."