मुंबई से उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती तक 1500 किलोमीटर पैदल गए व्यक्ति की क्वॉरन्टीन में मौत
1500 किलोमीटर पैदल चलने के बाद गांव पहुंचे मजदूर को क्वारंटीन सेंटर लाया गया. जहां कुछ घंटे बाद, पानी की कमी और थकावट के कारण उसकी मौत हो गई.
श्रावस्ती: लॉकडाउन के बीच पिछले दिनों मुंबई से उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती के लिए निकले एक मजदूर की अपने गांव पहुंचते ही मौत हो गई. वह सोमवार को अपने गांव के बाहरी इलाके में पहुंचे और उसे तुरंत क्वारंटीन सेंटर में ले जाया गया. कुछ घंटे बाद, पानी की कमी और थकावट के कारण मजदूर की मौत हो गई.
पंद्रह दिन पहले उत्तर प्रदेश के इंसाफ अली ने श्रावस्ती जिले में अपने घर पहुंचने के लिए मुंबई से पैदल चलना शुरू किया था. मुंबई के वसई में रहने वाले मजदूर अली ने रास्ते में भोजन और पानी के लिए खासा संघर्ष किया, लेकिन उन्होंने चलना जारी रखा और लगभग 1,500 किलोमीटर पैदल चलकर अपने गांव पहुंचे. जहां उनकी मौत हो गई.
श्रावस्ती के पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार सिंह ने कहा कि अली सुबह सात बजे के करीब मटखनवा पहुंचे और स्थानीय स्कूल में टेस्ट करने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया. सिंह ने कहा, "उन्हें एक उचित नाश्ता भी दिया गया जिसके बाद उन्होंने आराम किया. लेकिन, पांच घंटे के बाद, उन्हें पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द की शिकायत शुरू हुई और तीन बार उल्टी भी हुई. डॉक्टर के पास ले जाने से पहले ही अली ने दम तोड़ दिया.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ए.पी.भार्गव ने कहा कि उन्होंने उसके सैंपल ले लिए थे और लखनऊ में डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कोरोनावायरस के परीक्षण के लिए भेज दिया था. सीएमओ ने कहा, "रिपोर्ट सामने आने के बाद ही, हम अली की मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए उसके शव का पोस्टमार्टम करेंगे."
हालांकि, उन्होंने कहा, डॉक्टरों की एक टीम द्वारा किए गए प्रारंभिक जांच के दौरान, कोरोनोवायरस के कोई संकेत या लक्षण का पता नहीं लगा था. मटखनवा के ग्राम प्रधान अगियाराम ने कहा कि अली 24 अप्रैल को श्रावस्ती पहुंचे थे और लगभग 10 किलोमीटर दूर अपने ससुराल में रूके. उन्होंने कहा, "सोमवार को वह मटखनवा गांव में अपने घर के लिए निकले और वह अस्वस्थ थे." अली अपने पीछे पत्नी सलमा बेगम और उनके 6 साल के बेटे को छोड गए हैं.
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