एक साल के बच्चे के फेफड़े में फंसा था नेकलेस का टुकड़ा, डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक निकाला
नेकलेस का टुकड़ा प्लास्टिक और गोल आकार के कांच से बना था. माना जा रहा है कि खेलते समय बच्चे ने गलती से इसे निगल लिया होगा. हालांकि, बच्चे के माता-पिता इस बात से अनजान थे कि आखिर यह कैसे हुआ.
कोच्चि (केरल): कोच्चि (Kochi) के एक निजी अस्पताल (Private Hospital) में मंगलवार को डॉक्टरों (Doctors) की एक टीम द्वारा एक साल के बच्चे (Child) के बाएं फेफड़े में फंसा नेकलेस (Necklace) का एक टुकड़ा (Piece) सफलतापूर्वक निकाल लिया गया. पट्टीमट्टम, पेरुंबवूर, के मूलनिवासी बिनशाद और फातिमा ने अपने एक साल के बच्चे में तेज खांसी देखी. वे उसे तुरंत पास के अस्पताल ले गए, जहां बच्चे के फेफड़ों का एक्स-रे लिया. एक्स-रे में बच्चे के फेफड़ों में एक बाह्य पदार्थ (Foreign Body) की उपस्थिति का पता चला. हॉस्पिटल ने उसे कोच्चि के एक अन्य निजी अस्पताल में रेफर कर दिया. हालांकि, जटिलता के कारण, बच्चे को एक और अस्पताल में रेफर कर दिया, जहां से वह अमृता अस्पताल (Amrita Hospitals) पहुंचा.
डॉ टिंकू जोसेफ, चीफ इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट (Chief Interventional Pulmonologist) के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम ने कठोर ब्रोंकोस्कोपी प्रक्रिया (Bronchoscopy Procedure) द्वारा बाएं फेफड़े के ऊपरी लोब से एक फंसे हुए नेकलेस बीड (Necklace Bead) को सफलतापूर्वक हटा दिया.
तीन सप्ताह तक सीने में बार-बार होने वाले संक्रमण का इलाज चला
बच्चे का तीन सप्ताह तक सीने में बार-बार होने वाले संक्रमण का इलाज किया गया और एक स्थानीय अस्पताल में किए गए छाती के एक्स-रे में बाएं फेफड़े के भीतर एक संदिग्ध बाह्य पदार्थ की उपस्थिति दिखाई दी. बाद में, बच्चे को आगे के इलाज के लिए अमृता अस्पताल, कोच्चि रेफर कर दिया गया.
'प्रक्रिया लगभग 30 मिनट तक चली'
डॉ टिंकू जोसेफ ने कहा, "प्रभावित बाह्य पदार्थ बार-बार छाती में संक्रमण का कारण था, जिससे बच्चा पीड़ित था.” उन्होंने बताया, “प्रक्रिया लगभग 30 मिनट तक चली और प्रक्रिया के 24 घंटे के भीतर बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. उन्होंने कहा " बाह्य पदार्थ को हटाना एक मुश्किल काम था."
इस मामले में, यह बाह्य पदार्थ प्लास्टिक और गोल आकार के कांच से बना था. इस तरह के बाह्य पदार्थ को इसकी एनाटॉमिकल लोकेशन (Anatomical Location) और एस्पिरेटेड ऑब्जेक्ट (Aspirated Object) को हटाने के लिए कुशल उपकरणों की कमी के कारण मुश्किल है. ”
बच्चे ने गलती से नेकलेस का टुकड़ा निकला!
माना जा रहा है कि खेलते समय बच्चे ने गलती से इसे निगल लिया होगा. हालांकि, बच्चे के माता-पिता इस बात से अनजान थे कि आखिर यह कैसे हुआ. हाल ही में, अमृता हॉस्पिटल्स (Amrita Hospitals) के इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी (Interventional Pulmonology) विभाग ने 1,000 कठोर ब्रोंकोस्कोपिक प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है. कठोर ब्रोंकोस्कोपी एक प्रक्रिया है जिसका उपयोग विभिन्न जटिल वायुमार्ग विकारों के निदान और उपचार के लिए किया जाता है.
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