हैदराबाद:  नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) पर लगातार देश के ज्यादातर जगहों में विरोध हो रहे हैं. इस बीच हैदराबाद के चिलकुर बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी सीएस रंगराजन ने हिंदू देवी-देवताओं के लिए सरकार से नागरिकता देने की मांग की है. सीएस रंगराजन ने सरकार से तिरुमाला में वेंकटेश्वर स्वामी, सबरीमाला में अयप्पा स्वामी जैसे सभी हिंदू देवताओं को सीएए की धारा 5 (4) के तहत नागरिकों के रूप में पंजीकृत करने की मांग की है.



चिलकुर बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी सीएस रंगराजन का कहना है कि, "सीएए  कानून के तहत जब सभी शरणार्थियों को नागरिकता दी जा सकती है, तो मंदिर के देवी-देवताओं को नागरिकता क्यों नहीं दी जा सकती है?" रंगराजन सभी नागरिकों को समानता का अधिकार (संविधान के अनुच्छेद 26) के तहत बात करते हुए बताया कि, " भारत के धर्मनिरपेक्ष राज्य से हिंदू मंदिरों और धार्मिक संगठन को अब खतरा है. सरकार संवैधानिक प्रावधानों और न्यायिक फैसलों के बावजूद हिंदू मंदिरों और धर्मार्थ संस्थाओं को नियंत्रित करना चाहती हैं. वहीं दूसरे धर्म स्थानों के प्रबंधन को नियंत्रण से बाहर किया गया है."

नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों नागरिकता दी जाएगी. वहीं इस कानून में मुसलमानों को शामिल नहीं किए जाने से भारत सरकार पर संविधान के खिलाफ होने के आरोप लग रहे हैं. सीएए के खिलाफ 38 दिनों से शाहीन बाग में लगातार धरना प्रदर्शन जारी है.