कोविड वैक्सीन सेंटर का दौरा करने हैदराबाद पहुंचा 100 विदेशी राजनयिकों का दल
भारत अपनी वैक्सीन निर्माण और उत्पादन क्षमता की एक बानगी दुनिया के सामने पेश करेगा. इस कड़ी में दुनिया के करीब 60 से अधिक देशों के राजदूत और वरिष्ठ राजनयिक आज हैदराबाद में दो देसी कंपनियों को देखने जाएंगे.
नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय की मेजबानी में जा रहा विदेशी राजनयिकों का दल भारत-बायोटेक और बायोलॉजिकल-ई जैसी कंपनियों का दौरा करेगा. दोनों ही कम्पनियां कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीन निर्माण व उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. भारत बायोटेक ने जहां कोवैक्सीन नामक टीका विकसित किया है वहीं बायोलॉजिकल-ई कम्पनी के साथ अमेरिका के ओहायो स्टेट इनोवेशन फंड ने नई वैक्सीन तकनीक में साझेदार बनाई है.
जीनोम वैली इलाके में जाएगा विदेशी राजदूतों का दल
सूत्रों के अनुसार सभी आमंत्रित राजनयिकों को बुधवार सुबह एयर इंडिया की एक विशेष उड़ान से हैदराबाद ले जाया जाएगा. भारत का वैक्सीन कैपिटल कहलाने वाले हैदराबाद में विदेशी राजदूतों का दल उस जीनोम वैली इलाके में जाएगा जहां भारत-बायोटेक और बायोलॉजिकल-ई समेत कई देसी कम्पनियां हैं.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस दौरे के सहारे भारत की कोशिश जहां अपनी वैक्सीन उत्पादन क्षमताओं की बानगी दिखाने की होगी वहीं देसी कोविड19 टीकों के लिए बाजार तलाशने का भी प्रयास होगा. इस दौरे की तैयारियों से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक उस तरह के दौरे के सहारे स्वाभाविक रूप से इस बात की कोशिश होगी कि अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य एशिया के मुल्कों में भारतीय टीकों के लिए सम्भावित खरीददारी भी मिल सकें. हालांकि राजनयिकों के इस खास दौरे में नज़रे इस बात पर भी होंगी कि इसमें चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी शामिल होते हैं या नहीं.
पीएम मोदी खुद भी कर चुके हैं हैदराबाद का दौरा
बीते कुछ दिनों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारतीय वैक्सीन निर्माण क्षमताओं को काफी उल्लेख कर रहे हैं. राजनयिकों के इस दौरे से पहले बीते दिनों पीएम मोदी ने जहां हैदराबाद और पुणे जाकर वैक्सीन उत्पादन क्षमताओं पर खुद जानकारी ली. वहीं गत माह ब्रिक्स जैसे मंचों पर भी मोदी कह चुके हैं कि भारत की क्षमताओं का उदाहरण पूरी दुनिया ने कोविड-19 के दौरान देखा था, जब भारतीय फार्मा उद्योग की क्षमताओं के कारण ही 150 से अधिक देशों तक हम आवश्यक दवाईयां पहुंचा पाए थे. ऐसे में भारत की वैक्सीन उत्पादन और डिलिवरी क्षमताएं भी इसी तरह मानवता के काम आएंगी.