10 दिनों से नहीं मिला था खाना- बेटा
मृतक महिला के बेटे का दावा है कि पैसों की कमी के कारण उसकी मां ने बीते दस दिनों से कुछ भी नहीं खाया था. मृतक महिला कूड़ा बीनने का काम करती थी और उसी के सहारे अपना पेट पालती थी.
शव को कंधे पर रखकर अस्पताल ले गया मजबूर बेटा
गरीब महिला की मौत के बाद बेटे गौतम कुमार ने 108 एंबुलेंस पर फोन किया लेकिन एंबुलेंस नहीं आई. बेटा अपनी मां के शव को कंधे पर रखकर डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर इटखोरी के सरकारी अस्पताल पहुंचा. हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि महिला की मौत की वजह टीबी की बीमारी है.
दो दिन पहले हुई थी 62 साल की महिला की मौत
झारखंड में भूख से मौत का एक मामला दो दिन पहले भी सामने आया था. झारखंड के गिरीडीह जिले में भी 62 साल की सावित्री देवी की मौत हो गई. परिवार का दावा है कि परिवार में आर्थिक तंगी है. जिसकी वजह से बीते कई दिनों से घर में चूल्हा तक नहीं जला. जिसकी वजह से सावित्री देवी की जान चली गई.
पिछले साल हुई थी 11 साल की बच्ची की मौत
बता दें कि पिछले साल अक्टूबर महीने में झारखंड के सिम्डेगा जिले में 11 साल की संतोषी नाम की बच्ची की मौत हो गई थी. संतोषी की मां कोयली देवी ने कहा था कि आधार से राशन कार्ड लिंक न होने के कारण उन्हें राशन नहीं मिला और उनकी बेटी की भूख से मर गई.
कृषि प्रधान देश में भूख के आंकड़े
सयुंक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करीब 20 करोड़ लोग रोजाना भूखे सोते हैं. देश का हर छठा व्यक्ति भूख से सोने को मजबूर है. इतना ही नहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि भारत में 19 करोड़ चार लाख लोगों को भर पेट खाना भी नहीं मिलता है. दुनिया में भारत ही एक ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा लोगों को भर पेट भोजन नहीं मिलता.
बता दें कि 119 देशों के हंगर इंडेक्स की सूची में भारत 100वें नंबर पर है. भारत की स्थिति पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश से भी खराब है.