चेन्नई: अपने नए घर में बसने की चाह रखने वाले भारतीय सेना में जवान 40 वर्षीय के. पलानी सोमवार की रात चीनी सैनिकों के साथ हुए हिंसक झड़प में शहीद हो गए हैं. उनके मित्रों और परिजनों की ओर से यह जानकारी मिली है. दसवीं कक्षा की पढ़ाई के बाद पलानी महज 18 साल की उम्र में भारतीय सेना में शामिल हुए थे. लोन लेकर उन्होंने अपना नया घर बनवाया था और हमेशा से वह वहां बसने की चाह रखते थे.


पारिवारिक परिस्थितियों के चलते उन्हें अपनी पढ़ाई के दौरान कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. हालांकि दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उन्होंने जैसे-तैसे अपनी स्नातक तक की पढ़ाई पूरी की.


3 जून को अपने नए घर में आयोजित हुए गृह प्रवेश के कार्यक्रम में वह शामिल नहीं हो सके थे, इस दिन उनका जन्मदिन भी था. पलानी के ससुर नचियप्पन ने कहा कि उनकी बेटी वनाथी देवी ग्रेजुएट हैं और रामनाथपुरम जिले में स्थित एक कॉलेज में क्लर्क के तौर पर कार्यरत हैं. इनके दो बच्चे भी हैं, एक दस साल का बेटा प्रसन्ना और आठ साल की बेटी दिव्या.


पलानी के छोटे भाई इदयाकानी भी भारतीय सेना में शामिल हैं और फिलहाल राजस्थान में तैनात हैं. इस बीच, बुधवार को पलानी के शव के उनके गांव में पहुंचने की संभावना है.


एक कर्नल रैंक के कमांडिंग अफसर सहित कुल 20 जवान शहीद


चीन सीमा पर पिछले पचास सालों की सबसे बड़ी खूनी झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल रैंक के कमांडिंग अफसर सहित कुल 20 जवान शहीद हो गए. लद्दाख से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गलवान घाटी में ये घटना सोमवार और मंगलवार की देर रात हुई, जिसमें माना जा रहा है कि चीनी सेना को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है और बड़ी तादाद में चीन के PLA सैनिक हताहत हुए हैं.


मंगलवार की देर शाम भारतीय सेना ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि गलवान घाटी में 14-15 जून की दरमियानी रात को चीनी सैनिकों से हुई झड़प में तीन सैनिकों की मौत हो गई थी. बाद में उन 17 सैनिकों ने भी दम तोड़ दिया जो इस झड़प में गंभीर रूप से घायल हुए थे.


भारत-चीन तनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को बुलाई सर्वदलीय बैठक


भारत-चीन तनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को शाम 5 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है. ये बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी. पीएम सभी पार्ट के प्रतिनिधियों से इस हालात पर चर्चा करेंगे. बता दें कि भारत-तीन के बीच सैन्य स्तर पर वार्ता रोक दी गई है. सेनाओं को अलर्ट कर दिया गया है.


राजनाथ सिंह का पहला बयान सामने आया


पूर्वी लद्दाख में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का पहला बयान सामने आया है. राजनाथ सिंह ने गलवान घाटी में जवानों की शहादत को दुखदायी बताया है. उन्होंने कहा, "हम सैनिकों का बलिदान नहीं भूलेंगे. पूरा देश शहीद सैनिकों के साथ खड़ा है."


रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर कहा, "सैनिकों की शहादत परेशान करने वाली और दुखदायी है. हमारे जवानों ने जबरदस्त बहादुरी दिखाई और देश के लिए शहीद हुए. देश उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा. शहीदों के परिवारवालों के साथ पूरा एक साथ खड़ा है."



रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा- चीनी सेना के दुस्साहस पर पीएम और मोदी सरकार ने मौन साध लिया है

अगली छुट्टियों में शादी कराने की तैयारी कर रहा था जवान का परिवार लेकिन मिली शहीद होने की खबर