नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उस याचिका पर केंद्र और यूआईडीएआई से जवाब मांगा जिसमें आधार डाटा की सुरक्षा और लोगों की निजता के बारे में चिंता जताई गई है. यह चिंता भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के डाटाबेस से लोगों की निजी सूचना के कथित लीक की कई घटनाओं के मद्देनजर जताई गई है.


जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस अनु मल्होत्रा की पीठ ने नोटिस जारी किया. इसके साथ ही अधिकारियों से उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें अदालत से केंद्र को यह निर्देश देने को कहा गया है कि या तो वह लोगों को इस व्यवस्था से अलग होने का विकल्प दे या सुरक्षा उल्लंघन को देखते हुए यूआईडीएआई के समूचे डाटा को समाप्त करे. पीठ ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 19 नवंबर को निर्धारित कर दी.


केरल के वकील याचिकाकर्ता शमनाद बशीर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि आधार व्यवस्था में इस साल जनवरी से कई बार सुरक्षा उल्लंघन हुआ है जिससे लोगों की निजी सूचना लीक हुई है. इसमें दावा किया गया है कि यूआईडीएआई और केंद्र लोगों को क्षतिपूर्ति देने के लिये जिम्मेदार है, जिनके डाटा के साथ समझौता किया गया.