नई दिल्ली: आधार की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि वह पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए इसकी जरूरतों को समझाना चाहती है. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने आज सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह आधार से जुड़ी सभी चिंताओं को दूर करने के लिए योजना पर पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन देने की यूआईडीएआई के सीईओ को अनुमति दे. वो लगभग एक घंटे के पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के ज़रिए सभी बातें जजों को समझा देंगे.


वेणुगोपाल की मांग पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि पीठ के अन्य जस्टिस के साथ विचार करने के बाद पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन का समय तय करेंगे.

अटॉर्नी जनरल ने कहा, ''आधार से सरकारी योजनाओं का लाभ उसके असली हकदारों तक पहुंच रहा है. पहले बिचौलिये हजारों करोड़ रुपए खा जाते थे. निजता की दलील कुछ लोग दे रहे हैं. ये देखना जरूरी है कि आधार करोड़ों लोगों को सम्मान से जीवन जीने का अधिकार दे रहा है.''

आधार कार्ड पर पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न सेवाओं को आधार से जोड़ने की अंतिम तिथि को तब तक आगे बढ़ा दिया जब तक वह बायोमेट्रिक पहचान योजना की संवैधानिक वैधता पर अपना निर्णय नहीं देता. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जस्टिस वाली संवैधानिक पीठ ने अपने आदेश में कहा, "इससे समाज कल्याण योजनाओं के अंतर्गत लाभ के वितरण के साथ आधार को जोड़ने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा."