वोटर आईडी को आधार से लिंक करने की तैयारी, चुनाव आयोग ने बुलाई बड़ी बैठक
अधिकारियों ने बताया कि आधार का संचालन करने वाले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) और कानून मंत्रालय से आधार को जोड़ने के लिए कानून में संशोधन करने से पहले व्यापक परामर्श किया गया था.

Election Commission Meeting: मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार मतदाता पहचान पत्र के साथ आधार जोड़ने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय और विधि विभाग के सचिवों के साथ 18 मार्च को बैठक करेंगे. भारतीय चुनाव आयोग के अधिकारियों ने ये जानकारी दी.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ये उच्च स्तरीय बैठक मुख्य चुनाव आयुक्त की तरफ से 4-5 मार्च को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को दिए गए निर्देशों के बाद होने जा रही है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मतदाता सूचियों को आधार से जोड़ने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए.
चुनाव आयोग पर सवाल उठाता रहा है विपक्ष
विपक्षी दलों की तरफ से मतदाता पहचान पत्रों में धोखाधड़ी और डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्रों को लेकर कई आरोप लगाए गए हैं. विपक्षी नेता कई बार चुनाव आयोग पर केंद्र सरकार के हितों के साथ तालमेल करने का आरोप लगा चुके हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने पहले आधार-वोटर आईडी कनेक्शन को प्रभावी रूप से अनिवार्य बनाने की योजना बनाई थी, हालांकि बाद में 2023 में सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए अपने सबमिशन में पैनल ने कहा कि इस तरह की लिंकिंग अनिवार्य नहीं थी.
'फॉर्म 6-बी में नहीं लिखा है कि आधार देना अनिवार्य है'
एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, 'फॉर्म 6-बी में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि आधार देना अनिवार्य है लेकिन मतदाता के पास यह कहने का कोई विकल्प नहीं है कि मेरे पास आधार नंबर है लेकिन मैं नहीं दूंगा. इसे लेकर ईसीआई ने कानून मंत्रालय से बात तो की लेकिन इसे स्वैच्छिक बनाने की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी. अगर ऐसा होता तो लोग आधार क्यों देते'.
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने क्या कहा
अधिकारियों ने बताया कि आधार का संचालन करने वाले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) और कानून मंत्रालय से आधार को जोड़ने के लिए कानून में संशोधन करने से पहले व्यापक परामर्श किया गया था. कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद को बताया था कि मतदाता पंजीकरण (संशोधन) नियम 2022 के नियम 26-बी के तहत मतदाता सूची में सूचीबद्ध व्यक्ति फॉर्म 6बी का उपयोग करके पंजीकरण अधिकारियों को अपना आधार नंबर बता सकता है.
चुनाव अधिकारियों का कहना है कि लिंकेज का मुख्य काम डुप्लिकेट मतदाता पहचान-पत्र को खत्म करना है जो कि एक ऐसी समस्या है जिसने भारत के चुनावी प्रबंधन को जटिल बना दिया है.
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग के अधिकारियों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के बीच आगामी बैठकों में आधार लिंकेज मुद्दे पर भी चर्चा होने की संभावना है.
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