नई दिल्ली: धीरे-धीरे सोशल मीडिया अनसोशल होता जा रहा है. कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिनमें सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल किया गया था. अब फेक न्यूज़ और पेड न्यूज़ की समस्या से पार पाने के लिए सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार के साथ जोड़ने की मांग भी जोर पकड़ रही है.


इस बारे में एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है. इस याचिका में कहा गया है कि फर्जी अकाउंट्स को सोशल मीडिया से हटाया जाना चाहिए और इसके लिए ट्विटर और फेसबुक आदि के अकाउंट्स को आधार से जोड़ देना चाहिए.


जानें आखिर क्या है हथिया नक्षत्र, जिसे केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बिहार बाढ़ के लिए ठहराया है जिम्मेदार


बीजेपी के नाता अश्विनी उपाध्याय ने इस जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट में दायर किया है. उन्होंने याचिका में कहा है कि निर्वाचन आयोग और भारतीय प्रेस परिषद को फेक न्यूज़ और पेड न्यूज़ के मामलों में उचित कदम उठने चाहिए.


वकील अश्विनी दुबे के जरिए दायर इस याचिका में केंद्र को ये निर्देश देने का अनुरोध दिया गया है कि किसी भी चुनाव के 48 घंटे पहले पेड न्यूज़ और राजनीतिक विज्ञापनों के प्रसारण को भष्ट आचरण घोषित किया जाना चाहिए.


महाराष्ट्र चुनाव: क्या उद्धव ठाकरे को सता रहा है बागी नेताओं और कार्यकर्ताओं का डर?


याचिका में दावा किया गया है कि 3.5 करोड़ ट्विटर हैंडल में से दस फीसदी डुप्लीकेट हैं जिनमें मुख्यमंत्रियों, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित सैकड़ों नामचीन व्यक्तियों के नाम शामिल हैं.