नई दिल्ली: जहां एक ओर सरकार कई क्षेत्रों में आधार जरुरी कर रही है तो वहीं दूसरी ओर आधार को लेकर निजता और उसके डाटा को सुरक्षित करने के लिए सवाल उठ रहे हैं. आधार बनाने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण(यूआइडीएआई) ने कहा है कि आधार एक पहचान है न कि प्रोफाइलिंग का जरिया.
प्राधिकरण ने इस बात पर जोर दिया कि आधार की जानकारियों का रेगुलेशन मजबूत कानूनों के तहत होता है. यूआइडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडेय ने ट्विटर पर लाइव चैट के दौरान कहा कि आधार न्यूनतम सूचनाओं और बायोमीट्रिक्स पर आधारित है जो सबसे कम भेद्य है यानि कि आधार के डाटा को आसानी से लीक नहीं किया जा सकता है.
हालांकि पांडेय ने कहा कि भविष्य में डीएनए आधारित रूपरेखा तैयार करने कि फिलहाल कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘हम उंगलियों के निशान, आंख की पुतली और तस्वीर लेते हैं. डीएनए या कुछ और लेने की हमारी कोई योजना नहीं है. तस्वीर, उंगलियों के निशान और पुतली आधार बनाने और किसी की भी पहचान करने के लिए पर्याप्त है.’’ उन्होंने आधार के साथ विभिन्न सूचनाओं को जोड़ने पर सरकार द्वारा निगरानी या दुरूपयोग की आशंकाओं को खारिज किया.
पांडेय ने कहा, ‘‘जब आप बैंक में आधार संख्या देते हैं तो प्राधिकरण को आपके बैंक खाता के बारे में मालूम नहीं होता है. बैंक हमें आपकी आधार संख्या और उंगलियों के निशान का मिलान करने के लिए देते हैं.’’ उन्होंने कहा कि सरकार को किसी के बारे में प्रणाली से कोई सूचना नहीं मिलती है.
अधिकारी ने कहा कि बैंक खाता लोगों की संपत्ति है और खाता से आधार संख्या जोड़ने पर इस बात से बिलकुल नहीं डरना चाहिए कि सरकार किसी दिन उनका खाता बंद कर देगी.