Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और वर्ली विधायक आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि शिंदे विदेश मंत्रालय की मंजूरी के बिना 50 से अधिक लोगों को अपने साथ दावोस वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में ले जा रहे हैं. आदित्य ठाकरे ने कहा कि भले ही इस विशाल समूह में से कुछ लोग अपनी यात्रा के लिए खुद पेमेंट करेंगे, लेकिन उनकी कारों, होटलों और खाने के लिए करदाताओं के पैसे से पेमेंट किया जाएगा.


उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "क्या वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को इस दावत के बारे में पता है और क्या इस समूह को राजनीतिक मंजूरी दी गई है? सभी लोग महाराष्ट्र सरकार की औपचारिक एजेंसियों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसलिए उन्हें राजनीतिक मंजूरी की जरूरत होती है."


वर्ली के विधायक ने कहा कि इससे पहले बताया गया था कि 15 से 19 जनवरी तक स्विट्जरलैंड के दावोस में होने वाले वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में एकनाथ शिंदे, मंत्री उदय सामंत और 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भाग लेंगे.


ऐसे ले जाया जा रहा जैसे वे छुट्टी मनाने जा रहे- आदित्य ठाकरे
आदित्य ने कहा कि फोरम में पति-पत्नी और बच्चों को भी ऐसे ले जाया जा रहा है जैसे वे छुट्टी मनाने जा रहे हों. उन्होंने ने आरोप लगाया कि प्रतिनिधिमंडल के 10 लोगों ने विदेश मंत्रालय से आवश्यक राजनीतिक मंजूरी मांगी है, जबकि बाकी लोगों को विदेश मंत्रालय की मंजूरी के बिना ही ले जाया जा रहा है.






सीएम और डिप्टी सीएम के पीए भी जा रहे दावोस
उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि छुट्टी मनाने जा रहे 70 से ज्यादा लोगों में एक वर्तमान सांसद, एक पूर्व सांसद, निजी एजेंसियों के कुछ प्रचारक, सीएम और डिप्टी सीएम के पीए की एक पूरी सीरीज, सीएम के ओएसडी शामिल हैं. दावोस में इतने लोग क्या करेंगे.


हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, इससे पहले एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता रोहित पवार ने कहा था कि एक राजनेता जो सरकार में शामिल भी नहीं है, वह भी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में भाग लेगा. हालांकि, रोहित पवार ने उसका नाम बताने से इनकार कर दिया था.


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