लोकसभा में शुक्रवार को एमसीडी के एकीकरण के लिए बिल पेश हुआ. इस बिल से तीनों एमसीडी एक हो जाएंगी और काउंसलर्स की संख्या भी सीमित होकर 250 हो जाएगी. इसके अलावा भी एमसीडी में कई अन्य बदलाव होंगे. लोकसभा में बिल पेश किये जाने पर आम आदमी पार्टी ने विधानसभा की कार्यवाही के दौरान कड़ी नाराजगी जताई. 'आप' ने एमसीडी के चुनाव टालने को लेकर भी बीजेपी पर निशाना साधा और इस बिल के जरिए एमसीडी का कंट्रोल अमित शाह को देने का आरोप लगाया.
'एबीपी न्यूज़' से खास बातचीत में 'आप' विधायक और दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा, "इस बिल से एमसीडी की समस्याओं का निदान नहीं हुआ. भ्रष्टाचार कैसे कम होगा, इस पर एक लाइन नहीं है. एमसीडी के पार्षद एक एक लेंटर बनवाने के 3 लाख लेते हैं. इस भ्रष्टाचार को कैसे खत्म करेंगे? पैसा कहां से आएगा इसपर भी बात नहीं. पहले भी एमसीडी के लिए दिल्ली फाइनेंस से आप पैसा लेते थे, अब भी लेंगे."
एमसीडी के चुनाव टाले जाने पर नाराजगी जताते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा, "आपने चुनाव क्यों टाले. डिलिमिटेशन क्यों किया आपने? आप काउंसलर की संख्या कम कर रहे हैं. तीन एमसीडी को अलग अलग संभाल नहीं पाए, इतना बड़ा एक निकाय कैसे संभालेंगे. ये तो वही बात हो गई कि यूपी बिहार और झारखंड नहीं संभल रहे तो उन्हें एक कर दो."
सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि चुनाव बीजेपी ने केवल हार के डर से टाला है. उन्होंने कहा कि, "इन्होंने चुनाव इसलिए लेट कराया ताकि बचे हुए टाइम में अपनी इमेज सुधार सकें. अगर इनकी इमेज बेहतर होती है, तभी चुनाव कराएंगे वरना ये कभी भी दिल्ली में चुनाव नहीं कराएंगे. ये अगर एमसीडी हारते तो गुजरात और हरियाणा भी हारते, इसीलिए इन्होंने नगर निगम को दिल्ली सरकार के कंट्रोल से निकाल कर अपने पास रख लिया ताकि ये भी अमित शाह के हाथ में रहे."
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