नई दिल्ली: सिर्फ दो साल के अंदर ऐसा क्या हो गया कि राजधानी दिल्ली में 70 में 67 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी अर्श से फर्श पर आ गई ? जो आदमी पार्टी ईमानदारी और शुचिता की बात करती थी क्या अब उसकी सोच में मोच आ गई है ? जो जनता उसे नकारने लगी है. देश भर की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए सिर्फ आप ही ऐसी सत्ताधारी पार्टी रही जिसने ना सिर्फ अपनी सीट गंवाई बल्कि जमानत तक जब्त हो गई. राजौरी गार्डन में बुरी हार के बाद सवाल उठने लगे हैं कि आप का क्या होगा जनाब-ए-आली ?
उपचुनाव के नतीजों का असर MCD चुनाव पर पड़ना तय
दिल्ली में नगर निगम के चुनाव नजदीक हैं. जानकारों का मानना है कि विधानसभा उपचुनाव के नतीजों का असर दिल्ली नगर निगम चुनाव पर पड़ना तय हैं. हार के बाद सीएम पहली बार जब मीडिया के सामने आए तो हार की वजह जरनैल सिंह के पंजाब जाने को ही बताया. केजरीवाल वजह जो भी बताएं लेकिन एक बात तो साफ है कि दिल्ली में अब आप की जमीन दरकने लगी है.
महज 2 साल में 33 फीसदी वोटों का नुकसान
आपको बता दें कि 2015 में जब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में 70 में से 67 सीटें जीती थी, तब उसे 54 फीसदी वोट मिले थे. पिछले साल हुए एमसीडी के 13 वार्डों में उपचुनाव हुए जिसमें आप का वोट शेयर घट गया और उसे 28 फीसदी ही वोट मिले. गुरुवार को हुए राजौरी गार्डन के उपचुनाव में मात्र 13 फीसदी वोट मिले, जानकारी के लिए बता दें यहां 2015 के विधानसभा चुनाव में आप को 46 फीसदी वोट मिले थे यानि 33 फीसदी वोटों का नुकसान हुआ है.
सिर्फ 2 साल के अंदर ही वोट शेयर में इतनी बड़ी गिरावट आम आदमी पार्टी के घटते जनाधार के संकेत हैं. दिल्ली की आम जनता भी कुछ ऐसा ही कहने लगी है. पब्लिक की नाराजगी से अलग सीएम अरविंद केजरीवाल अब भी मानते हैं कि राजौरी के नतीजों का असर MCD चुनाव पर नहीं पड़ने वाला.
राजौरी गार्डन इलाके में हैं MCD के 4 वार्ड
हम यहां आपको बताते चलें कि राजौरी गार्डन इलाके में MCD के 4 वार्ड हैं. विधानसभा उपचुनाव में आप 3 वार्ड में तीसरे नंबर पर रही. सिर्फ एक वार्ड में ही वो दूसरे नंबर पर रही है जबकि बीजेपी सभी वार्डों में पहले नंबर पर रही.
मतलब साफ है कि नतीजों का असर MCD चुनाव में दिखने वाला है, फिलहाल राजौरी में जमानत जब्त होने के बाद यहां से विधायक रहे आप के जरनैल सिंह भी मान रहे हैं कि हार पार्टी के लिए चिंता करने वाली है.
काफी कठिन होने वाला है बवाना सीट पर होने वाले उपचुनाव
केजरीवाल की पार्टी जमानत जब्त होने से विरोधी तो खुश हैं ही, कभी साथी रहे योगेंद्र यादव भी हमलावर हो गए हैं. आम आदमी पार्टी के लिए एमसीडी चुनाव के लिए खतरे की घंटी तो बज ही गई है, साथ आने वाले समय में बवाना सीट पर होने वाले उपचुनाव काफी कठिन होने वाला है. यहां से आप के विधायक रहे वेद प्रकाश पिछले महीने ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर बीजेपी में जा चुके हैं.
आम आदमी पार्टी के सामने अभी यही खतरे नहीं हैं. विवादों से घिरे विधायकों की लंबी लिस्ट पहले से पार्टी को परेशान कर रही है. आने वाले दिनों में संसदीय सचिव बनाये गये 21 विधायकों की सदस्यता पर भी खतरा मंडरा रहा है. यानी आप ने अगर खुद को जनता की उम्मीदों पर खड़ा नहीं किया तो फिर आगे का रास्ता बंद ही समझिए.