Delhi: प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाए जाने पर AAP ने उठाए MCD पर सवाल, बताया ‘मोस्ट करप्ट डिपार्टमेंट’
Delhi News: दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने बढ़ रहे प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर नगर निगम पर सवाल उठाए हैं. सौरभ भारद्वाज का कहना है कि ऐसा होने से दिल्ली वाले नए प्रॉपर्टी टैक्स की मार झेलते नजर आएंगे.
Delhi Property Tax: आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने मंगलवार को दावा किया कि दिल्ली (Delhi) में नगर निगम (Municipal Corporation) अब प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax) बढ़ा रही है. आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने कहा कि दिल्ली वालों से ज्यादा टैक्स (Tax) वसूलने का काम एलजी को दे दिया गया है. कुछ ही दिनों में दिल्ली वाले नए प्रॉपर्टी टैक्स की मार झेलने वाले हैं. एमसीडी (MCD) का जब एकीकरण किया गया तो कहा गया था कि अब पैसा केंद्र सरकार से लिया जाएगा, जबकि यह पैसा दिल्ली वालों से टैक्स के रूप में वसूला जाएगा.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एमसीडी के अधिकारियों की बैठक में 4 जुलाई को प्रॉपर्टी टैक्स का नया स्ट्रक्चर निश्चित किया गया है. उन्होंने कहा कि एलजी 1 फीसदी शिक्षा सैस बढ़ाकर दिल्ली वालों को एक और तोहफा देने जा रहे हैं. यह टैक्स ईस्ट दिल्ली और नॉर्थ दिल्ली के प्रॉपर्टी टैक्स में जोड़ा गया है. आरडब्ल्यूए से उपराज्यपाल कह रहे हैं कि अगर 90 फीसदी टैक्स आ गया तो अधिकतम एक लाख का काम उनकी कॉलोनी में करवाएंगे. सौरभ भारद्वाज ने सवाल पूछते हुये कहा कि एलजी ने कॉलोनियों में ऐसा कौन सा काम कराने का सोचा है जो एक लाख में पूरा हो जाएगा.
बीजेपी ने फैलाया एमसीडी में भ्रष्टाचार
इस दौरान आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और कालकाजी से विधायक आतिशी ने कहा कि पिछले 15 सालों से दिल्ली नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. अतिशी ने आरोप लगाते हुये कहा कि बीजेपी ने एमसीडी में जो भ्रष्टाचार किया है उसके बारे में दिल्ली का बच्चा-बच्चा जानता है. दिल्ली के लोगों को नहीं पता है कि एमसीडी का फुल फॉर्म ‘म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन ऑफ दिल्ली’ है. अब आम जनता को लगता है कि एमसीडी का फुल फॉर्म ‘मोस्ट करप्ट डिपार्टमेंट’ है.
अतिशी ने आरोप लगाते हुये कहा कि दिल्ली के हर हिस्से में रहने वाले व्यक्ति को पता है कि जैसे ही उनके घर की पहली ईंट लगती है तो बीजेपी के पार्षद और नेता उनसे पैसे की उगाही करने पहुंच जाते हैं. दिल्ली का हर व्यक्ति जानता है कि एमसीडी को कंगाल करके बीजेपी के पार्षदों ने अपनी जेबें भरी हैं. पार्षदों की गाड़ियां छोटी से बड़ी हो गईं हैं. पार्षदों के मकान बड़ी-बड़ी कोठियों में बदल गए हैं. लेकिन जब सफाई कर्मचारियों, शिक्षकों, डॉक्टरों और नर्सेस की सैलरी देने का सवाल आता है तो बीजेपी शासित एमसीडी कहती है कि हमारे पास पैसे ही नहीं हैं.
बीजेपी के नेताओं के पास जा रहा निगम का पैसा
विधायक आतिशी ने कहा कि साल दर साल दिल्ली सरकार से एमसीडी को मिलने वाला पैसा बढ़ता ही गया है. नगर निगम को 2010-11 में तत्कालीन दिल्ली सरकार से मात्र 1465 करोड़ रुपए मिले थे. लेकिन 2015-16 में, जबसे अरविंद केजरीवाल की सरकार आई, जितना पैसा निगम को मिलता था वह कई गुना बढ़ गया. 2015-16 में निगम को 5908 करोड़ रुपए दिए गए. 2021-22 में यह संख्या 6172 करोड़ तक पहुंच गई. इसके अलावा तीनों एमसीडी को लोन भी दिया गया. आज तीनों एमसीडी पर दिल्ली सरकार का करोड़ों रुपयों का लोन बकाया है. पैसा और लोन मिलने के बावजूद आजतक एमसीडी से दिल्ली में साफ-सफाई और सफाई कर्मचारियों, शिक्षकों, डॉक्टरों व नर्सेस की तनख्वाह देने जैसे काम नहीं किए हैं. क्योंकि जितना पैसा निगम के पास जाता है वह सब भ्रष्टाचार के जरिए बीजेपी के नेताओं और पार्षदों की जेब में चला जाता है.
आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से दिया गया पूरा पैसा-लोन खाने के बाद अब एमसीडी प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने की तैयारी कर रही है. आम इंसान जो ईमानदारी से अपना टैक्स देता है. उसे जो भी कागज-फॉर्म भरने होते हैं, वह एमसीडी के पास जाकर समय से भरके आता है. समय से हाउस टैक्स या कॉमर्शियल टैक्स भरता है. उस आम व्यक्ति पर और बोझ बढ़ जाएगा लेकिन एमसीडी के काम सफाई, शिक्षा, स्वास्थ्य में कोई भी इजाफा नहीं होने वाला है. जिस तरह से पिछले 15 सालों में जितना पैसा एमसीडी के पास आया है, वह गबन होकर बीजेपी के नेताओं की जेब में चला गया है. अब निगम ने फिर से आम जनता को लूटकर बीजेपी के नेताओं की जेब भरने की स्कीम निकाली है.
इस दौरान सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने दिल्ली (Delhi) के नये उपराज्यपाल को भी घेरते हुये कहा कि एमसीडी (MCD) के अधिकारी उपराज्यपाल पूरी तरह से गुमराह कर रहे हैं. प्रेस रिलीज में लिखा है कि आरडब्ल्यूए (RWA) अपने क्षेत्र का 90 फीसदी प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax) वसूलेगी. पहली बात, यह काम आरडब्ल्यूए का नहीं है. दूसरी बात यह कि आप आरडब्ल्यूए से कह रहे हैं कि यदि 90 फीसदी टैक्स आ गया तो उसका 10 फीसदी हिस्सा आप उनकी कॉलोनी में खर्च करेंगे. उनका कहना है कि कॉलोनी में अधिकतम एक लाख का काम करवाएंगे. एमसीडी के अधिकारी एक काम बता दें जो कॉलोनी में एक लाख में हो सकता हो. एक छोटी गली में नाला बनवाने का काम भी 6-7 लाख में होता है. एक सड़क का काम 3-4 करोड़ में पूरा होता है. एक झूले का सेट भी एमसीडी में एक लाख का लगता है. एलजी ने कॉलोनियों में ऐसा कौन सा काम कराने का सोचा है जो एक लाख में पूरा हो जाएगा. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एमसीडी के अफसर ऐसी बातें करके उपराज्यपाल का मजाक उड़वा रहे हैं.
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