सिग्नेचर ब्रिज विवाद: आम आदमी पार्टी ने मनोज तिवारी के खिलाफ दर्ज कराई लिखित शिकायत
आम आदमी पार्टी की तरफ से राज्य सभा उम्मीदवार नारायन दास गुप्ता, एमएलए संजीव झा और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राघव चड्डा ने आज दिल्ली पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर लिखित शिकायत दर्ज कराई.
नई दिल्ली: सिग्नेचर ब्रिज उद्घाटन के दौरान पूर्वी दिल्ली के बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और आप के विधायक अमानतुल्ला खान के बीच हुए विवाद को लेकर आम आदमी पार्टी ने लिखित शिकायत दर्ज कराई है. पार्टी की तरफ से राज्य सभा सदस्य नारायण दास गुप्ता, एमएलए संजीव झा और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राघव चड्ढा ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर लिखित शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और उनके समर्थकों के खिलाफ कथित हिंसा करने का आरोप लगाया.
बता दें कि इस मामले पर आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान पर मनोज तिवारी ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं. मनोज तिवारी का कहना है कि विधायक अमानतुल्लाह खान ने उन्हें मंच से धक्का दिया और गोली मारने की धमकी दी. मनोज तिवारी पर भी पुलिस पर हाथ उठाने का आरोप है. इस विवाद पर अमानतुल्ला खान का कहना है कि वो मनोज तिवारी को मंच से रोकने की कोशिश कर रहे थे ना कि धक्का दे रहे थे.
इससे पहले इस मामले में तीन एफआईआर दर्ज कराया गया है. पहला एफआईआर बीएन झा और बीजेपी के अन्य कार्यकर्ताओं की शिकायत पर आप एक्टिविस्ट के खिलाफ दर्ज कराया गया था. वहीं दूसरा एफआईआर तौकीर ने बीजेपी एक्टिविस्ट के खिलाफ दर्ज कराई है. इस मामले में तीसरा एफआईआर मनोज तिवारी की शिकायत पर अमानतुल्ला के खिलाफ दर्ज हुई है.
क्या है पूरा मामला
वजीराबाद में यमुना नदी पर सिग्नेचर ब्रिज बनकर तैय़ार तो हो गया लेकिन इसके उद्दघाटन समारोह में जमकर हंगामा हुआ. दिल्ली सरकार ने ब्रिज के उद्घाटन के कार्यक्रम में ना तो दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को न्योता दिया है ना ही इलाके के सांसद मनोज तिवारी को बुलाया. हालांकि मनोज तिवारी ने एलान किया था कि वो बिना निमंत्रण के भी जाएंगे. मनोज तिवारी ने कहा था कि कि वो सीएम केजरीवाल से पहले सिग्नेचर ब्रिज पर पहुंचेंगे और हरियाणा घूमकर लौट रहे मुख्यमंत्री को रिसीव करेंगे. जब घटना स्थल पर मनोज तिवारी पहुंचे तो आप कार्यकर्ताओं औऐर वहां मौजूद पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई.
14 साल और 1500 करोड़ खर्च होने के बाद बनकर हुआ तैयार सिग्नेचर ब्रिज को बनने में 14 साल लगे हैं और करीब 1500 करोड़ रुपये का खर्च आया है. 2004 में शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं तभी इस ब्रिज को बनाने का फैसला हुआ था. आज चौदह साल बाद आम आदमी पार्टी की सरकार ब्रिज को बनाने का काम खत्म कर रही है. ये ब्रिज अपनी खूबसूरती और अनोखे डिजाइन के लिए चर्चा में है. इस ब्रिज के खुलने से उत्तर और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के लोगों को ट्रैफिक जाम से काफी हद तक निजात मिल जाएगी.
क्या है सिग्नेचर ब्रिज की खासियत?
विषम डिजाइन वाला यह भारत का पहला केबल ब्रिज है. इसकी नदी के तल से ऊंचाई 165 मीटर यानि 541 फीट है. ये कुतुब मीनार से लगभग दोगुना ऊंचा है, इसकी लंबाई 675 मीटर है. सिग्नेचर ब्रिज का मुख्य आकर्षण 154 मीटर ऊंचा पिलर है जो दूर से नमस्कार की मुद्रा में दिखाई देता है. ब्रिज को स्टील के 19 केबल से संतुलित किया गया है. 154 मीटर की ऊंचाई पर ग्लास बॉक्स बना है, जहां तक लोग लिफ्ट से पहुंच सकेंगे और दिल्ली के टॉप व्यू का नजारा ले सकेंगे. एक बार में पचास लोग इस ग्लास बॉक्स में आ सकते हैं. ब्रिज पर कुल आठ लेन हैं, पैदल और साइकिल सवार के लिए अलग लेन बनाई गई है.