Delhi Mayor Election: चुनाव नतीजो के 2 महीने बाद भी मेयर का पद खाली, वोटिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची AAP
Delhi Mayor Election: आम आदमी पार्टी ने दिल्ली नगर निगम मेयर पद चुनाव को लेकर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
AAP Goes To Supreme Court: दिल्ली नगर निगम मेयर पद चुनाव मामले पर आम आदमी पार्टी (AAP) एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गई है. वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Singhvi) ने पार्टी की तरफ से मामला रखते हुए कहा, चुनाव परिणाम के 2 महीने बाद भी मेयर का पद खाली है.
वकील ने कहा, मनोनीत पार्षदों को मतदान में शामिल किया जा रहा है लेकिन आम आदमी पार्टी के 2 विधायकों को आपराधिक केस में सजायाफ्ता बता कर वोटिंग से रोका जा रहा है. इस पर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने मामले पर कल यानी 8 फरवरी को सुनवाई की बात की है.
सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली थी याचिका
दरअसल, 3 फरवरी को मेयर पद के लिए आम आदमी पार्टी उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली थी. उस याचिका में जल्द चुनाव की मांग की गई थी. हालांकि, उनकी तरफ से इस आधार पर याचिका को वापस लिया गया कि 6 फरवरी को चुनाव होने जा रहे हैं. याचिका में मनोनीत पार्षदों को मतदान न करने देने की भी मांग की गई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कोई आदेश देने से मना कर दिया था.
7 दिसंबर को आए थे चुनाव नतीजे
6 फरवरी को हुई एमसीडी की बैठक में एक बार फिर मेयर का निर्वाचन नहीं हो सका. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने दोबारा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. 7 दिसंबर को एमसीडी चुनाव के परिणाम आए थे जिसमें आम आदमी पार्टी को 134 सीटें मिली थीं. बीजेपी को 104 वार्ड में जीत हासिल हुई थी.
इसके बाद से 3 बार महापौर (मेयर) के चुनाव के लिए सदन की बैठक हुई लेकिन दोनों पार्टियों के बीच विवाद के चलते चुनाव नहीं हो पाया. आम आदमी पार्टी मनोनीत पार्षदों के मतदान में शामिल होने का विरोध कर रही है. उसका कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 243 R और दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट की धारा 3 के तहत मनोनीत सदस्यों को मतदान का अधिकार नहीं है.
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