Amanatullah Khan Case: आप विधायक अमानतुल्लाह खान (Amanatullah Khan) ने कहा कि मुझे कोर्ट से जमानत सभी तथ्यों को देखने के बाद दी गई है, क्योंकि गिरफ्तार ही गलत बुनियाद पर किया गया था. वक्फ बोर्ड लीज रूल्स से चलता वो कानून में तय है. साथ ही दावा किया कि जो भी पूछताछ की गई उसका एफआईआर से कुछ भी लेना देना नहीं था.


अमानतुल्लाह खान ने कहा कि कुछ एफआईआर 2018 में हुई तो कुछ 2019 में हुई. उससे जुड़ी हुई यह कोई बात नहीं करते थे. यह कहते हैं कि आपने फतेहपुरी की मार्केट बेच दी, जबकि बाजार या वक्फ की संपत्ति बेची नहीं जा सकती. वह सिर्फ किराए पर दी जा सकती है. पहले एक स्कूल चलता था, जिस पर कि किसी का कब्जा था. हमने इसका बंटवारा कर गोदाम बनाकर इससे किराया पर दिया, जिससे रेवेन्यू बढ़ा. पहले जब मैं आया था तो 3 लाख रुपये किराया आता था लेकिन, आज 50 लाख रुपये आता है. हमने कोई नुकसान नहीं किया. वक्फ बोर्ड की इनकम को ध्यान में रखते हुए लोगों को उनकी योग्यता के आधार पर काम पर रखा था.


राजनीति कौन कर रहा है?
एमएलए अमानतुल्लाह खान ने दावा किया कि पार्टी के पूरी तरह से उनके साथ खड़े होने के कारण आज सच्चाई की जीत हुई. किसी के भी शिकायत करने पर जांच एजेंसी को तुरंत गिरफ्तार करके किसी को जेल में नहीं डालना चाहिए. पहले तथ्यों के आधार पर जांच पड़ताल करनी चाहिए है. बीजेपी राजनीति तो कर रही है, क्योंकि अफसर मुझे हमेश कहते थे कि दवाब बनाया जा रहा है. पीएफआई पर बैन को लेकर उन्होंने कहा कि मैं रात में आया हूं, इसलिए मुझे इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है.


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