नई दिल्ली: दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत प्राचीन हनुमान मंदिर को हटाए जाने के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच आरोप प्रत्यारोप की राजनीति और तेज़ हो गई है. आम आदमी पार्टी का आरोप है कि बीजेपी शासित एमसीडी ने कोर्ट में हलफनामा दायर करके ये बात कही है कि ये मंदिर अतिक्रमित जमीन पर बना हुआ है और हम इस हनुमान मंदिर को तोड़ना चाहते हैं. जिस पर कोर्ट ने उन्हें मन्दिर तोड़ने की अनुमति दी. वहीं, बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में यह लिख कर दिया कि नगर निगम और पुलिस उन्हें सहयोग नहीं कर रही है और उनके अधिकारी मंदिर को तोड़ने में बाधा डाल रहे हैं. इस सिफारिश पर हाई कोर्ट ने नगर निगम और पुलिस को निर्देशित किया.


उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर जय प्रकाश ने 18 अगस्त, 2019 का एक सरकारी चिठ्ठी जारी की है. यह चिठ्ठी दिल्ली सरकार के गृह विभाग की ओर से उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर को लिखी गई है. जय प्रकाश का कहना है कि 18 अगस्त 2019 की ये चिठ्ठी है, जिसमें दिल्ली सरकार ने हमको आदेश दिया है कि जो एनक्रोचमेंट मंदिर के रूप में है, उसको हटाया जाए. जय प्रकाश का दावा है कि 2019 से लेकर अभी तक हमने मन्दिर को बचाए रखा, लेकिन दिल्ली सरकार लगातार इसे हटाने के पीछे लगी रही जो कि निंदनीय है.


आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि बीजेपी शासित एमसीडी ने पहले चांदनी चौक स्थित सैकड़ों वर्ष पुराना हनुमान मंदिर तोड़ दिया और अब जनता के आक्रोश से बचने और अपने जघन्य अपराध को छिपाने के लिए आम आदमी पार्टी पर आरोप लगा रही है. बीजेपी की असलियत जनता के सामने न आ जाए और उनके विरोध का सामना न करना पड़े, इसलिए बीजेपी की एमसीडी ने दिल्ली पुलिस के संरक्षण में रात के अंधेरे में मंदिर को तोड़ा. उन्होंने कहा कि प्राचीन मंदिर को तोड़ने के लिए सीधे तौर पर बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और बीजेपी के बड़े नेता जिम्मेदार हैं. इस जघन्य अपराध के लिए इन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.


दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया कि बीजेपी शासित एमसीडी ने कोर्ट में हलफनामा दायर करके यह बात कही है कि यह मंदिर अतिक्रमित जमीन पर बना हुआ है और हम इस हनुमान मंदिर को तोड़ना चाहते हैं. जिस पर कोर्ट ने उन्हें तोड़ने की अनुमति दी. कहीं भारतीय जनता पार्टी की असलियत जनता के सामने न आ जाए, कहीं बीजेपी को जनता के विरोध का सामना न करना पड़ जाए, इसलिए रात के अंधेरे में जब सब लोग सो रहे होते हैं, भारतीय जनता पार्टी की एमसीडी ने दिल्ली पुलिस के संरक्षण में सैकड़ों वर्ष पुराने प्राचीन हनुमान मंदिर को तोड़ गिराया.


वहीं दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चांदनी चौक के प्राचीन हनुमान मंदिर को तुड़वाकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हिंदू-विरोधी और मंदिर विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है. दिल्ली बीजेपी यह मांग करती है कि केजरीवाल सरकार चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण योजना को री-डिजाइन करके वहां हनुमान मंदिर को पुनः स्थापित करने की व्यवस्था करें. बीजेपी चांदनी चौक में मंदिर के दोबारा निर्माण के लिए जल्द ही उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करेगी. बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि दिल्ली धार्मिक समिति के मुखिया केजरीवाल सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन हैं, अगर वह चाहते तो धार्मिक समिति में इस मामले का समाधान कर सकते थे, लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल के इशारे पर उन्होंने ऐसा नहीं किया.


दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि समय-समय पर घड़ियाली आंसू बहा कर मुख्यमंत्री केजरीवाल खुद को हनुमान भक्त प्रदर्शित करते रहते हैं, लेकिन जब प्राचीन हनुमान मंदिर को बचाने की बारी आई तो वह पीछे हट गए. जब मुख्यमंत्री केजरीवाल जुलाई में चांदनी चौक प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने गए थे तब वहां के निगम पार्षद, सामाजिक संगठनों और बीजेपी नेताओं ने उन्हें प्राचीन हनुमान मंदिर को प्रोजेक्ट के नक्शे में समायोजित करने के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा था, जिसमें मंदिर समिति के लोगों और पुजारियों के हस्ताक्षर थे. लेकिन केजरीवाल ने इसे नजरअंदाज कर दिया.


आदेश गुप्ता ने कहा कि अक्टूबर में केजरीवाल सरकार ने हाईकोर्ट में यह लिख कर दिया कि नगर निगम और पुलिस उन्हें सहयोग नहीं कर रही है और उनके अधिकारी मंदिर को तोड़ने में बाधा डाल रहे हैं. इस सिफारिश पर हाई कोर्ट ने नगर निगम और पुलिस को निर्देशित किया. नवंबर में चांदनी चौक के स्थानीय लोगों ने मंदिर को बचाने के लिए हाई कोर्ट का रुख किया, लेकिन हाई कोर्ट ने साफ कहा कि धर्म या धार्मिक स्थल से जुड़े मामले पर राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाली धार्मिक समिति काम करती है और कोर्ट में धार्मिक समिति के आवेदन पर ही सुनवाई की जाती है. आदेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने विकास के नाम पर साजिश के तहत मंदिर को तुड़वाया है और हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने का काम किया है.


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