Gujarat AAP: मिशन गुजरात में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) को भले ही कोई बड़ी कामयाबी नहीं हासिल हुई हो, लेकिन AAP के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) का हौसला बुलंद है. उन्होंने गुजरात में अभी से भविष्य की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए उन्होंने बड़ा दांव चला है. AAP ने शनिवार (29 जनवरी) को आदिवासी विधायक चैतर वसावा को गुजरात विधायक दल का नेता नियुक्त किया और हेमंत खावा को उप नेता की जिम्मेदारी दी गई.


5 पॉइंट्स में समझें रणनीति



  1. 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में आप के पास सिर्फ 5 विधायक हैं जबकि बीजेपी के पास 156 और कांग्रेस के पास 17 विधायक हैं. गुजरात में पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में आदिवासी सीट डेडियापाड़ा से AAP नेता चैतर वसावा ने करीब 40 हजार वोटों से जीत हासिल की थी. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी हितेश वासवा को हराया था. चैतर के इस प्रदर्शन से केजरीवाल काफी खुश हैं. 

  2. आप पार्टी ने हाल ही में प्रदेश में लीडरशिप में जिस तरह से बड़े बदलाव किए हैं. उससे साफ है कि केजरीवाल ने अब टीम को नया टारगेट सौंप दिया. पार्टी ने गुजरात में युवा बिग्रेड को विकसित करने की नींव रख दी है. वसावा ने कहा, "24 फरवरी से शुरू होने वाले गुजरात विधानसभा के अपने पहले बजट सत्र में वह आदिवासियों से जुड़े खासतौर पर शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क जैसे मुद्दों को उठाएंगे."

  3. AAP की तरफ से चैतर वसावा बड़े आदिवासी नेता हैं. पार्टी ने चैतर वसावा की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें दक्षिण गुजरात जोन का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है. पार्टी अब उन्हें पोस्टर ब्वॉय बनाने की रणनीति पर काम कर रही है. इस साल के अंत तक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे अहम राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. इन प्रदेशों में आदिवासियों की बड़ी आबादी रहती है. AAP भी इन राज्यों में अपनी किस्मत आजमाने वाली है. ऐसे में चैतर वसावा वहां बड़े काम आने वाले हैं. 

  4. 2024 में पीएम मोदी को केजरीवाल से कड़ी टक्कर मिल सकती है. केजरीवाल ने अभी से 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. गुजरात में लोकसभा की 26 सीटें हैं. पिछले दो लोकसभा चुनावों (2014 और 2019) में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया था. अब आदिवासी बाहुल्य सीटों पर आम आदमी पार्टी की नजर है. जानकारी के मुताबिक, पार्टी ने 6 सीटों के लिए खास रणनीति बनाई है. इसमें 2 अनुसूचित जाति के लिए और 4 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं.

  5. AAP ने मध्य प्रदेश की राज्य कार्यकारिणी को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है. आप के राष्ट्रीय संगठन महासचिव डॉ संदीप पाठक की ओर से 28 जनवरी को कहा गया है कि पार्टी मध्य प्रदेश की कार्यकारिणी को तत्काल प्रभाव से भंग करती है. उन्होंने जल्द ही नई कार्यकारिणी का गठन करने की बात भी कही है. गुजरात की तरह आम आदमी पार्टी अब मध्य प्रदेश में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने का प्रयास कर रही है.


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