वहीं 'आप' की दिल्ली इकाई के प्रमुख प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब भी कोई पार्टी केन्द्र में आती है, उसकी राय बदल जाती है और वह दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे के प्रश्न को टालना शुरू कर देती है.
पूर्णराज्य न होने के कारण दिल्ली सरकार के अधीन न तो पुलिस है और न ही दिल्ली विकास प्राधिकारण. पूर्णराज्य का दर्जा मिल जाने से दिल्ली सरकार के अधिकार और बढ़ जाएंगे. विपक्षी बीजेपी कांग्रेस के राज में दिल्ली को पूर्णराज्य का दर्जा देने की मांग कर रही थी, लेकिन अब विरोध कर रही है.
विधानसभा में पहले भी इस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है. ताजा चर्चा अगले साल प्रस्तावित लोकसभा चुनाव से पहले हो रही है और 'आप' का इरादा राष्ट्रीय राजधानी में संसदीय सीट जीतकर खाता खोलने का है.