नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने बुधवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवागमन पर अब भी ‘‘प्रतिबंध’’ है. साथ ही उनके आवास का मुख्य द्वार बंद रखा गया है. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस आरोप को खारिज किया है.


आप ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल को शहर की सिंघू सीमा पर केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे किसानों से मुलाकात के बाद नजरबंद कर दिया. आप ने फिर से दावा किया है कि ऐसा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर किया जा रहा है.


दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया


हालांकि दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस दावे को ‘‘पूरी तरह निराधार’’ बताया है. ‘आप’ के प्रवक्ता राघव चड्ढ़ा ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री के आवास के चारों ओर ‘‘अघोषित आपातकाल’’ का माहौल है. चड्ढा ने कहा, ‘‘मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ आपको बता रहा हूं कि (केंद्रीय) गृह मंत्री के इशारे पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आवागमन अब भी प्रतिबंधित है. मुख्यमंत्री के आवास का मुख्य द्वार अब भी बंद है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘एक तरह से अघोषित आपातकाल का माहौल है. यह केवल इसलिए है, क्योंकि हमने स्टेडियमों को किसानों के लिए जेल में तब्दील करने की अनुमति नहीं दी.’’ इस बीच, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि कि मुख्यमंत्री के आने-जाने पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के आवास के बाहर पुलिस की तैनाती सुरक्षा प्रोटोकॉल का हिस्सा है.’’ पुलिस सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पूर्वाह्न करीब 11 बजे अपने आवास से निकले थे. चड्ढा ने दावा किया कि केजरीवाल का आवास पूरी तरह से खोला नहीं गया है और दिल्ली पुलिस के कारण एक दरवाजा अब भी बंद है.


मुख्यमंत्री आवास प्रवेश द्वार अब भी बंद है- चड्ढा


चड्ढा ने आरोप लगाया, ‘‘मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश के लिए और उनसे मिलने के लिए हर किसी द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला प्रवेश द्वार अब भी बंद है. उस प्रवेश द्वार को बंद रखा गया है क्योंकि बीजेपी के चार-पांच सदस्य दिल्ली पुलिस की सहायता से मुख्यमंत्री आवास के बाहर डेरा डाले हुए हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के पास मुक्त रूप से आवाजाही करने का अधिकार है, जो कि एक मूल अधिकार है, जिस पर पाबंदी लगा दी गई है.’’ आप के आरोपों को दिल्ली पुलिस द्वारा खारिज किए जाने के बाद बीजेपी ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि केजरीवाल झूठ-फरेब की राजनीति में लिप्त हैं.


चड्ढा ने आरोप लगाया, ‘‘उन्हें नजरबंद रखने का यह कार्य बदला लेने का कार्य है क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने किसानों का समर्थन किया, क्योंकि उन्होंने उनके लिए शौचालय, पानी, गर्म कपड़ों, भोजन की व्यवस्था की.’’ केजरीवाल मंगलवार को घंटों चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद अपने आवास से बाहर निकले थे. केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दावा किया था कि केंद्र सरकार ने पूरी कोशिश की कि वह प्रदर्शनकारी किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए नहीं जा पाएं.  उन्होंने कहा था, ‘‘अगर मुझे नहीं रोका जाता, तो मैं गया होता और भारत बंद में किसानों का साथ दिया होता. मुझे खुशी है कि भारत बंद सफल रहा. मैंने अंदर बैठकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए प्रार्थना की.’’


हमने किसानों के आनंदोलन का समर्थन किया इसलिए केंद्र नाराज है- अरविंद केजरीवाल


केजरीवाल ने कहा था, ‘‘हम पर स्टेडियमों को अस्थायी जेलों के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति देने के लिए बहुत दबाव बनाया गया. लेकिन हमने अनुमति नहीं दी और मुझे लगता है कि इससे आंदोलन को मदद मिली. लेकिन तब से केंद्र बहुत नाराज है.’’ उल्लेखनीय है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर विभिन्न स्थानों पर मुख्य रूप से पंजाब व हरियाणा किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच, बीजेपी शासित नगर निकायों के मेयर और नेता केजरीवाल के आवास के बाहर तीसरे दिन बुधवार को भी धरने पर बैठे रहे. पार्टी के सांसद मनोज तिवारी और गौतम गंभीर भी प्रदर्शन में शामिल हुए.


ये लोग दिल्ली सरकार से 13,000 करोड़ रुपये के बकाये की मांग कर रहे हैं.


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