आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने सोमवार को कहा, ''केन्द्र सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम समय में लोकपाल की नियुक्ति करने की पहल की है. देश की जनता के लिए यह खुशी की बात है कि अब भ्रष्टाचार पर निष्पक्षता से कार्रवाई हो सकेगी, लेकिन उससे बड़ा सवाल बीजेपी की मंशा पर उठता है कि आखिर इस काम में पांच साल क्यों लगे.''
राय ने कहा कि लोकपाल कानून लागू करने के लिए अन्ना हजारे के नेतृत्व में हुये आंदोलन के बाद तत्कालीन यूपीए सरकार ने लोकपाल बनाने पर सहमति जताई थी. लेकिन बाद में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार इससे मुकर गयी और जनता ने उस सरकार को चुनाव में शिकस्त दे दी.
उन्होंने कहा कि लोकपाल के गठन का जनता से वादा कर सत्तारूढ़ हुई बीजेपी ने भी इस काम में पांच साल लगा दिए. इसलिये मोदी सरकार के लिये यह कोई उपलब्धि नहीं बल्कि शर्मनाक है.
आप नेता गोपाल राय ने कहा कि लोकपाल की नियुक्ति के बाद 'आप' राफेल घोटाला और सहारा बिरला डायरी मामले की शिकायत करेगी.
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