नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा में शामिल होने के आरोप पर आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन ने कहा कि इसके पीछे कपिल मिश्रा और वारिस पठान जैसे लोगों के भड़काऊ बयान जिम्मेदार हैं. ताहिर ने कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है. निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. उन्होंने पुलिस जांच में सहयोग देने की बात कही.


ताहिर हुसैन ने कहा, ''24 तारीख को दंगा शुरू होने के बाद मैंने पुलिस अधिकारियों को फोन किया. लगातार 100 नंबर डायल करता रहा. लेकिन दंगाई मेरा गेट तोड़ कर अंदर दाखिल हो गए. मैंने डंडा लेकर उन्हें भगाने की कोशिश की. सांसद संजय सिंह को बताया कि मेरे और परिवार की जान खतरे में है. शाम 7:30 बजे पुलिस आई. 9 बजे पुलिस की मौजूदगी में परिवार को अपने घर से हटा लिया. शिकायत के बाद पुलिस अधिकारियों ने पूरे घर की जांच की. मैं वहीं मौजूद रहा. देर रात मैं अपने एक परिचित के घर चला गया. मेरा वीडियो 24 फरवरी शाम 5 बजे के करीब का है. मैं लगातार पुलिस को फोन कर रहा था.''


आप पार्षद ने कहा, ''दिल्ली पुलिस और उसके अधिकारी इसकी गवाही देंगे कि 24 फरवरी को मेरे घर पर कुछ नहीं मिला था. 25 की सुबह दोबारा घर गया लेकिन हंगामे के कारण वापस लौटना पड़ा. इसके बाद वहां क्या हुआ मैं नहीं जानता. मेरी जान को खतरा है. मेरे खिलाफ दुष्प्रचार चल रहा है. मेरा कुसूर बस इतना है कि वो घर मेरा है लेकिन 25 फरवरी को सुबह 11 बजे के बाद से मैं वहां नहीं था. वहां क्या हुआ मुझे नहीं मालूम. मैं पुलिस की मौजूदगी में घर से निकला. CCTV कैमरों से सारी जानकारी मिल जाएगी.''


ताहिर हुसैन ने कहा कि वे अंकित शर्मा को नहीं जानते थे. लेकिन इस घटना से वे दुखी हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए था. उन्होंने कहा कि वे अंकित शर्मा के परिवार के दुख में उनके साथ खड़े हैं और उनका दुख बांटने की कोशिश करेंगे. उन्होंने बताया कि इस दौरान मुख्यमंत्री से बात नहीं हुई है.