नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी का झगड़ा सुलझ गया है. बग़ावत पर आमादा सीनियर नेता कुमार विश्वास आखिरकार अमानतुल्लाह खान के पार्टी से निलंबन और नई जिम्मेदारी पाने के बाद मान गए हैं. आम आदमी पार्टी की फैसला लेने वाली सबसे बड़ी बॉडी पब्लिक अफेयर्स कमेटी यानी पीएसी की बैठक के बाद कुमार विश्वास ने पार्टी में अपना विश्वास जारी रखने का एलान किया.


पीएसी की बैठक के बाद मीडिया के बीच कुमार विश्वास के इस विश्वास के एलान के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एलान किया कि अमानतुल्लाह खान को पार्टी की मेंबरशिप से सस्पेंड कर दिया गया है और इसके साथ ही कुमार विश्वास को राजस्थान का प्रभारी बनाया गया है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि कमिटी अमानतुल्लाह खान के बयान की जांच करेगी.



अमानतुल्लाह पर कार्रवाई के बाद केजरीवाल के घर के बाहर विश्वास समर्थक कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया.


आपको बता दें कि कुमार विश्वास अमानतुल्लाह खान को पार्टी से बाहर करन को लेकर अड़े थे और इस तरह पार्टी के इस झगड़े में उनकी जीत हुई. अमानतुल्लाह खान ने कुमार विश्वास को बीजेपी और आरएसएस का एजेंट बताया था.


रात भर मनाने की कोशिश हुई थी


इससे पहले, कुमार विश्वास को रात भर मनाने की कोशिश की गई, कुमार विश्वास और उनके समर्थक चाहते थे कि विधायक अमानतुल्ला को पार्टी से बाहर किया जाए, और आखिरकार पीएसी की बैठक में अमानतुल्ला को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.



कुमार विश्वास की तीन शर्तें थीं?


सबसे अहम औऱ बड़ी शर्त ये थी कि अमानतुल्लाह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाए.  जिसे पूरा कर दिया गया. इसके अलावा तीन शर्तें रखी थीं.


पहली शर्त-  कुमार विश्वास की पहली शर्त है कि उन्होंने कश्मीर सेना पर हमले को लेकर जो वीडियो जारी किया है 'वी द नेशन' उसपर कोई माफी नही मांगेगे. और वो अपनी शर्त पर अड़े रहे.. और उनकी जीत हुई. इस वीडियो के बहाने उनपर आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने केजरीवाल पर निशाना साधा है, उसपर वह किसी तरह से माफी मांगने को तैयार नहीं हैं.


दूसरी शर्त- इसके साथ ही कुमार विश्वास की दूसरी शर्त थी कि पार्टी के जिन नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं, उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो. पार्टी के भीतर भ्रष्टाचार के खिलाफ और दोषियों पर कार्रवाई करने को लेकर एक कमेटी बने. इसपर भी कमेटी बनाने का एलान हुआ है.


तीसरी शर्त- कुमार विश्वास की तीसरी शर्त है कि पार्टी में कार्यकर्ताओं की भूमिका कम कर दी गई है, उसे दोबारा बहाल किया जाए. इसे लेकर तस्वीर साफ नहीं है.


कल देर रात तक चलता रहा रूठने-मनाने का दौर


रात करीब सवा एक बजे कुमार विश्वास अकेले ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के घर से निकले और मीडिया से बात करे बिना चले गए. उनके बाद कपिल मिश्रा, संजय सिंह और मनीष सिसोदिया भी निकले, लेकिन किसी ने मीडिया से बात नहीं की.


अमानतुल्लाह के आरोपों से आहत हूं- विश्वास


कल शाम कुमार विश्वास ने मीडिया के सामने  आप विधायक अमानतुल्लाह को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की. इसी के बाद से मामले ने तूल पकड़ लिया. अमानतुल्लाह ने कुमार विश्वास पर बीजेपी का एजेंट होने और विधायकों को खरीदने का आरोप लगाते हुए पीएसी से इस्तीफा दिया था.


कुमार विश्वास का कहना है कि वो इस आरोप से आहत हैं. इसी के करीब ढाई घंटे बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और अरविंद केजरीवाल के दाहिने हाथ कहे जाने वाले मनीष सिसोदिया सामने आए और कुमार विश्वास पर पलटवार किया.


कौन हैं कुमार विश्वास?


देश के जाने माने कवि कुमार विश्वास अन्ना आंदोलन के वक्त से केजरीवाल के साथ थे. पार्टी बनाए जाते वक्त उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूर रहने की इच्छा जताई थी, लेकिन उस वक्त केजरीवाल उन्हें खींच कर पार्टी में लाए थे. चुनावों में प्रचार के दौरान भी कुमार विश्वास भीड़ जुटाऊ नेता साबित होते रहे हैं. लेकिन इस बार एमसीडी चुनावों से पहले कुमार विश्वास ने आम आदमी पार्टी और केजरीवाल पर सवाल उठाए थे. इसी के बाद बढ़ती दूरी का अंदाजा लगा था. अब सस्पेंस ये है क्या बैठक के बाद ये अलगाव बढ़ा है या कम हुआ है.