धरने पर बैठे केजरीवाल को मिला चार मुख्यमंत्रियों का साथ, AAP बोली- मोदी के हाथों में लोकतंत्र सुरक्षित नहीं
विपक्षी दलों के मिल रहे साथ से आम आदमी पार्टी (आप) उत्साहित है. सुबह सवा छह बजे अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि जो प्रधानमंत्री किसी राज्य में अफ़सरों की हड़ताल करवा के वहां का काम काज ठप करता है, क्या ऐसे प्रधानमंत्री के हाथों में देश का लोकतंत्र सुरक्षित है?
नई दिल्ली: दिल्ली में 'संवैधानिक संकट' जैसी स्थिति बन गई है. जहां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का उपराज्यपाल अनिल बैजल के दफ्तर में आज सातवें दिन धरना और उनके कैबिनेट सहयोगियों की भूख हड़ताल जारी है. वहीं उपराज्यपाल अनिल बैजल उनसे मिलने को तैयार नहीं हैं. इस बीच कल रात चार राज्यों के पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल के मुख्यमंत्री केजरीवाल के समर्थन में दिल्ली आए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लिया. यानि अब केजरीवाल Vs केंद्र की लड़ाई विपक्ष Vs प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बन चुकी है.
विपक्षी दलों के मिल रहे साथ से आम आदमी पार्टी (आप) उत्साहित है. सुबह सवा छह बजे अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि जो प्रधानमंत्री किसी राज्य में अफ़सरों की हड़ताल करवा के वहां का काम काज ठप करता है, क्या ऐसे प्रधानमंत्री के हाथों में देश का लोकतंत्र सुरक्षित है?
Good morning Delhi
जो प्रधान मंत्री किसी राज्य में अफ़सरों की हड़ताल करवा के वहाँ का काम काज ठप करता है, क्या ऐसे प्रधान मंत्री के हाथों में देश का लोकतंत्र सुरक्षित है? — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 17, 2018
दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की मांग है कि आईएएस अधिकारियों को ‘हड़ताल’ खत्म करने के निर्देश दिए जाएं. ध्यान रहे की दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से 19-20 फरवरी की दरमियानी रात कथित तौर पर हुई मारपीट के बाद आईएएस अधिकारी हड़ताल पर चले गए थे.
केजरीवाल को मिला चार CM का साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने राजनिवास जाकर केजरीवाल से मिलने की अनुमति मांगी, मगर उनको अनुमति नहीं दी गई. इन चार मुख्यमंत्री के अलावा डीएमके नेता एमके स्टालिन, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और जेएमएम के नेता हेमंत सोरेन का भी केजरीवाल का साथ मिला है. यानि कांग्रेस को छोड़ ज्यादातर विपक्षी दल केजरीवाल के साथ है.
Thank u Omar ji for raising ur voice in favor of Delhiites. They r brazenly crushing the voice and rights of Delhi people. The situation is unprecedented. https://t.co/wzDNWrJlo6
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 17, 2018
बीजेपी के निशाने पर चारों मुख्यमंत्री केजरीवाल को चार मुख्यमंत्रियों का साथ मिलने से बीजेपी खासी नाराज नजर आई। बीजेपी का कहना है कि चारों मुख्यमंत्रियों को साजिश रचने की बजाए दिल्ली की जनता का दर्द देखना चाहिए. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने ट्वीट किया, ''यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चार मुख्यमंत्रियों ने खुद को धरना तमाशा का हिस्सा बना लिया है. वास्तव में उन्हें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सलाह देनी चाहिए कि वो दिल्ली में पीने पानी की समस्या का हल करें, जिसे दिल्ली की जनता झेल रही है. आधिकारियों का विश्वास हासिल करें.''
तिवारी ने एक दूसरे ट्वीट में लिखा, ''पहले ममता बनर्जी ने ईद में सेलिब्रेशन का हवाला देकर नीति आयोग की बैठक को एक दिन आगे बढ़ाने के लिए कहा और वो दिल्ली में धरना तमाशा की राजनीति में हिस्सा ले रही हैं.''
कांग्रेस के लिए धर्मसंकट कांग्रेस के खिलाफ धरना प्रदर्शन और आंदोलन कर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ अब कांग्रेस खड़ी है. कांग्रेस मौजूदा धरना प्रदर्शन को नौटंकी बता रही है. वहीं कांग्रेस के अलावा अन्य विपक्षी दल आम आदमी पार्टी के साथ दिख रही है. यही नहीं कांग्रेस के सहयोग से कर्नाटक के सीएम बने एचडी कुमारस्वामी ने भी अरविंद केजरीवाल के समर्थन में आवाज उठाई. वो कांग्रेस से इतर ममता, नायडू और विजयन के साथ दिखे.
आपको बता दें कि ममता बनर्जी, वामदल और बीजेपी की लड़ाई पुरानी है. वहीं चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने के मसले पर हाल ही में बीजेपी से अलग हुए हैं. वह लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रहे हैं.
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क्या बोले चार मुख्यमंत्री? पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि दिल्ली में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है. दिल्ली देश की राजधानी है और यहां की जनता ने जिसे जनादेश दिया है, उसे काम नहीं करने दिया जा रहा है. तरह-तरह की बधाएं डालकर दिल्ली सरकार को सिर्फ इसलिए परेशान किया जा रहा है, क्योंकि वह बीजेपी की विरोधी है.
उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री को उपराज्यपाल के आवास पर जाकर धरना देना पड़े, यह बहुत ही दुख की बात है. छह दिन हो गए हैं, लेकिन उपराज्यपाल केजरीवाल से मिल नहीं रहे हैं, बात नहीं कर रहे हैं, जिससे संवैधानिक संकट जैसी स्थिति बन गई है.
ममता ने कहा, "दिल्ली सरकार के साथ जैसा व्यवहार हो रहा है, इसका देश में गलत संदेश जा रहा है. मैं प्रधानमंत्री से मिलकर कहूंगी कि इस संकट का जल्द हल निकालें. दिल्ली सरकार का चार महीने से कामकाज ठप्प है, इससे दिल्ली के लोग प्रभावित हो रहे हैं, इसलिए प्रधानमंत्री इसमें हस्तक्षेप करें."
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि दिल्ली समूचे देश की राजधानी है, यहां के मुख्यमंत्री को धरना देना पड़े यह दुख की बात है. यहां केंद्र सरकार भी है, जो सब देख रही है. संकट का जल्द हल निकाला जाना चाहिए. केरल के मुख्यमंत्री और वामदल के नेता पिनारायी विजयन और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने भी प्रधानमंत्री से केजरीवाल की मांगें मानकर उनका धरना जल्द खत्म कराने की अपील की.
चारों मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली आए हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या चीफ मिनिस्टर का लोकतंत्र में कोई अधिकार नही है? नीति आयोग की बैठक के बाद पीएम से मिलकर हालात सुलझाने को कहेंगे.