दिल्ली के निजी अस्पतालों के ICU बेड आरक्षित रखने का AAP सरकार का फैसला रहेगा लागू, HC ने सिंगल बेंच के आदेश पर लगाई रोक
हाई कोर्ट की डबल बेंच ने दिल्ली सरकार को निर्देश देते हुए कहा है कि सरकार को कोर्ट में हलफनामा देकर बताना होगा कि उसने जो फैसला लिया था उसका आधार क्या था.
नई दिल्ली: दिल्ली के 33 निजी अस्पतालों में 80 फीसदी आईसीयू/वेंटीलेटर बेड आरक्षित रखने वाले दिल्ली सरकार के फैसले पर दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच द्वारा लगाई गई रोक को डबल बेंच ने हटा दिया है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार द्वारा 80 फीसदी आईसीयू/वेंटीलेटर बेड आरक्षित रखने वाला फैसला फिलहाल लागू रहेगा.
सिंगल जज के आदेश पर रोक लगाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस दौरान दिल्ली सरकार ने ये आदेश जारी किया था, उस दौरान आज के जैसे गंभीर हालात नहीं थे. लेकिन पिछले कुछ दिनों के दौरान दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़े और ऐसे हालातों में हम यह नहीं चाहते कि लोगों को परेशानी का सामना करना पड़े. इसी वजह से दिल्ली सरकार के फैसले पर लगी रोक को हटाया जा रहा है.
हालांकि हाई कोर्ट की डबल बेंच ने दिल्ली सरकार को निर्देश देते हुए कहा है कि सरकार को कोर्ट में हलफनामा देकर बताना होगा कि उसने जो फैसला लिया था उसका आधार क्या था.
इससे पहले सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि आखिर दिल्ली के अस्पतालों में स्थिति क्या है? कितने फीसदी बेड कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रखे गए हैं और कितने फ़ीसदी बाकी गंभीर बीमारियों और इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों के लिए? कोर्ट ने इसके साथ ही ये जवाब भी मांगा कि राधा स्वामी सत्संग व्यास की जमीन पर बनाये गए अस्पताल में कितने मरीजों को भर्ती करवाया गया है.
कोर्ट द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि वहां पर करीबन 8 हजार बेड खाली हैं, क्योंकि 10 हजार बेड में से सिर्फ 2 हजार बेड पर ही मरीज हैं क्योंकि वहां पर लोग पहुंच ही नहीं रहे. वहीं इसके साथ ही दिल्ली सरकार की तरफ से अलग-अलग अस्पतालों में बेड की क्या स्थिति है इस बारे में भी कोर्ट को जानकारी दी गई. अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी और तब तक दिल्ली सरकार के आदेश पर जो रोक लगी थी वह हट जाने से निजी अस्पतालों में भी 80 फ़ीसदी आईसीयू वेंटीलेटर वाले बेड कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित हो गए हैं.