Delhi Civil Defence Volunteers: दिल्ली में सिविल डिफेंस वालंटियर्स (नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों) की सेवाओं से संबंधित मुद्दे पर 'आप' सरकार और उपराज्यपाल के बीच एक बार फिर टकराव देखने को मिल रहा है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शुक्रवार (27 अक्टूबर) को एलजी सचिवालय की ओर से दावा किया गया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 1 नवंबर से सभी सिविल डिफेंस वालंटियर्स की सेवाएं समाप्त करने के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रस्ताव को मंजूदी दे दी.


इसके बाद पीटीआई के एक दूसरे अपडेट में सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया कि अगर उपराज्यपाल ने सिविल डिफेंस वालंटियर्स को बर्खास्त किया तो 'आप' सरकार सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी.



सिविल डिफेंस वालंटियर्स को होम गार्ड के रूप में भर्ती करें- एलजी


पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एलजी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को यह भी निर्देश दिया है कि जिन वालंटियर्स की सेवाएं समाप्त होंगी उन्हें होम गार्ड के रूप में भर्ती करने पर विचार किया जाए.


यह घटनाक्रम तब आया जब इससे कुछ ही घंटों पहले सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत से कहा कि सिविल डिफेंस वालंटियर्स को होम गार्ड के रूप में नियुक्त करें और उनकी तैनाती बस मार्शल के रूप में करें.


होम गार्ड के 10 हजार पदों को एलजी ने दी थी मंजूरी


एलजी सचिवालय के एक अधिकारी ने कहा कि होम गार्ड के करीब 10,000 पदों को उपराज्यपाल ने हाल ही में मंजूरी दी है. अधिकारी ने कहा कि एलजी ने सिविल डिफेंस वालंटियर्स को पिछले 6-7 महीनों से सैलरी नहीं मिलने का मुद्दा भी उठाया है और इस बात पर असंतोष जताया कि संबंधित फाइल उनके पास भेजी गई, जबकि संबंधित मंत्री और सीएम निर्णय लेने के लिए पूरी तरह से सक्षम थे.


(इनपुट भाषा से भी)


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