केजरीवाल के करीबी आशीष खेतान ने डीडीसी से दिया इस्तीफा, कपिल मिश्रा ने काम में बताया 'जीरो'
आशीष खेतान पत्रकार से आम आदमी पार्टी नेता बने. उन्हें तीन साल पहले आप सरकार की सलाहाकर इकाई डीडीसी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. केजरीवाल डीडीसी के अध्यक्ष हैं. खेतान ने ट्विटर पर लिखा कि मैंने डीडीसी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया , जो 16 अप्रैल से प्रभावी है.
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल के करीबी माने जाने वाले आशीष खेतान ने दिल्ली डायलॉग कमीशन (डीडीसी) के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. उनका कहना है कि अब वह वकालत करना चाहते हैं. हालांकि करीब पांच साल से आम आदमी पार्टी (आप) में सक्रिय भूमिका निभा रहे खेतान के इस्तीफे के बाद अटकलें लगाई जा रही है कि पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. खेतान ने पिछले कुछ महीनों से टीवी डिबेट से भी दूरी बना रखी थी. अब उन्होंने वकालत के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया है.
आशीष खेतान के इस्तीफे के बाद आप के पूर्व नेता कपिल मिश्रा ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ''तीन सालों तक कैबिनेट मंत्री का दर्जा, सैलरी, बंगला, और स्टाफ लिया. काम किया- जीरो।''
Ashish Khetan proves one thing -
"You can put wings on a pig, but that doesn't make it an eagle" 3 years with Rank of Cabinet Minister, Salary and Bungalow and Car and Staff of Cabinet Minister Work Done - ZERO — Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) April 18, 2018
खेतान पत्रकार से नेता बने हैं. उन्हें तीन साल पहले आप सरकार की सलाहाकर इकाई डीडीसी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. केजरीवाल डीडीसी के अध्यक्ष हैं. खेतान ने ट्विटर पर लिखा , ‘‘मैंने डीडीसी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया , जो 16 अप्रैल से प्रभावी है. पिछले तीन साल में मुझे सार्वजनिक नीति को आकार देने औरशासन में सुधार और परिवर्तन लाने के लिए कई अनोखे अवसर मिलें. मुझे यह अवसर देने के लिए मैं माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का शुक्रगुजार हूं.’’
I have resigned as VC, DDC, with effect from April 16. During the past three years I had a unique opportunity to shape public policy & bring about reform and change in governance. I am grateful to Arvind Kejriwal, the Hon’ble CM, for giving me this wonderful opportunity.
— Ashish Khetan (@AashishKhetan) April 18, 2018
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा , ‘‘मैं कानूनी पेशे से जुड़ रहा हूं और दिल्ली बार में पंजीकरण करा रहा हूं जिसकी वजह से डीडीसी से इस्तीफा देना आवश्यक है. बार काउंसिल के नियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति वकालत करते समय निजी या सरकारी नौकरी नहीं कर सकता.’’ उन्होंने हालांकि आगे के राजनीतिक सफर पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
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