नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल के करीबी माने जाने वाले आशीष खेतान ने दिल्ली डायलॉग कमीशन (डीडीसी) के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. उनका कहना है कि अब वह वकालत करना चाहते हैं. हालांकि करीब पांच साल से आम आदमी पार्टी (आप) में सक्रिय भूमिका निभा रहे खेतान के इस्तीफे के बाद अटकलें लगाई जा रही है कि पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. खेतान ने पिछले कुछ महीनों से टीवी डिबेट से भी दूरी बना रखी थी. अब उन्होंने वकालत के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया है.


आशीष खेतान के इस्तीफे के बाद आप के पूर्व नेता कपिल मिश्रा ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ''तीन सालों तक कैबिनेट मंत्री का दर्जा, सैलरी, बंगला, और स्टाफ लिया. काम किया- जीरो।''





खेतान पत्रकार से नेता बने हैं. उन्हें तीन साल पहले आप सरकार की सलाहाकर इकाई डीडीसी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. केजरीवाल डीडीसी के अध्यक्ष हैं. खेतान ने ट्विटर पर लिखा , ‘‘मैंने डीडीसी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया , जो 16 अप्रैल से प्रभावी है. पिछले तीन साल में मुझे सार्वजनिक नीति को आकार देने औरशासन में सुधार और परिवर्तन लाने के लिए कई अनोखे अवसर मिलें. मुझे यह अवसर देने के लिए मैं माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का शुक्रगुजार हूं.’’





उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा , ‘‘मैं कानूनी पेशे से जुड़ रहा हूं और दिल्ली बार में पंजीकरण करा रहा हूं जिसकी वजह से डीडीसी से इस्तीफा देना आवश्यक है. बार काउंसिल के नियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति वकालत करते समय निजी या सरकारी नौकरी नहीं कर सकता.’’ उन्होंने हालांकि आगे के राजनीतिक सफर पर कोई टिप्पणी नहीं की है.


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