Mundka Fire: आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने बीजेपी पर एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मुंडका में लगी भीषण आग में जो 27 मासूम लोग मरे हैं, उनकी मौत के लिए सिर्फ और सिर्फ बीजेपी शासित एमसीडी जिम्मेदार है. 2016 में बीजेपी एमसीडी ने सभी नियमों को ताक पर रखते हुए फैक्ट्री लाइसेंस जारी किया. कुछ महीनों बाद लोगों की तरफ से शिकायत मिलने पर बीजेपी एमसीडी को लाइसेंस रद्द करना पड़ा, लेकिन चोरी-छुपे अंदर सभी काम चलते रहे. 


दुर्गेश पाठक ने कहा कि 2018 में सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी के सील करने के बावजूद इमारत में अब तक इंडस्ट्रियल गतिविधियां जारी रहीं. बीजेपी शासित एमसीडी को इसकी पूरी जानकारी थी. दुर्गेश पाठक ने मांग करते हुए कहा कि पूरी घटना की जांच और इमारत के मालिक और उससे जुड़े भाजपा के सभी लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.


दुर्गेश पाठक ने जारी की तस्वीरें
दुर्गेश पाठक ने कहा कि मनीष लाकड़ा इस इमारत के मालिक हैं. ऐसी कौन सी ताकत मनीष लाकड़ा में है कि सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी के इमारत सील करने के बाद भी सभी गतिविधियां जारी रहीं. उन्होंने दो तस्वीरें दिखाते हुए कहा कि ये तस्वीरें मनीष लाकड़ा की हैं, जिन्होंने भाजपा का पटका पहना हुआ है और उनके साथ भाजपा की ही कई अन्य बड़ी हस्तियां खड़ी दिखाई दे रही हैं. दूसरी तस्वीर में मनीष लाकड़ा के साथ गाड़ी में मास्टर आजाद सिंह बैठे हुए हैं. मास्टर आज़ाद सिंह के बारे में बताते हुये दुर्गेश पाठक ने कहा कि वो कई बार भाजपा के पार्षद और मेयर भी रहे हैं. पिछले तीन बार से वह मुंडका चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ते आ रहे हैं. आजाद सिंह भाजपा सासंद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के सगे चाचा हैं. 


दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाते हुये कहा कि 2015 में जब दिल्ली विधानसभा का चुनाव हो रहा था तो भाजपा का चुनावी कैंपेन भी इसी इमारत से चल रहा था. इसका मतलब यह है कि यह इमारत भाजपा के लोगों की है. इस इमारत में आज तक जो भी काम हो रहे थे वह भाजपा के नेताओं की मदद से ही हो रहे थे. इन आरोपों के बाद दुर्गेश पाठक ने कहा कि जो 27 मासूम लोग मरे हैं उनकी मौत के लिए सिर्फ और सिर्फ भारतीय जनता पार्टी जिम्मेदार है. इस पूरी घटना की जांच और इमारत से जुड़े सभी दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.


बीजेपी ने आरोपों का दिया जवाब
वहीं इन आरोपों पर दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि बिल्डिंग मालिक से भाजपा का कोई संबंध नहीं है और ना ही वो पार्टी का सदस्य या पदाधिकारी है. प्रवीण शंकर कपूर ने बताया कि 2019 में दिल्ली सरकार की एक सरकारी शराब की दुकान इस बिल्डिंग में खोली गई थी, जिसकी शिकायत के बाद सर्वोच्च न्यायालय की कमेटी ने इसे सील किया था. 
बिल्डिंग मालिक ने मोनिटरिंग कमेटी में निवेदन पत्र देकर एवं सम्बंधित जुर्माना आदि भर कर 2020 में बिल्डिंग को डी-सील करवा लिया था. इसी तरह उत्तरी नगर निगम ने आज तक इस बिल्डिंग में कभी कोई फैक्ट्री या गोदाम लाईसेंस नही दिया है. 


उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि, दिल्ली सरकार बताए इसे इतने भारी बिजली कनेक्शन और फायर एनओसी कैसे मिले थे और कैसे 2018-19 में गैर कानूनी रूप से इस बिल्डिंग में सरकारी शराब की दुकान खुली थी. प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि भाजपा का इस बिल्डिंग के मालिक मनीष लाकड़ा से कोई लेना-देना नहीं है. 


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