प्रधानमंत्री की अपील पर पूरे देश में 11 अप्रैल से 14 अप्रैल के बीच टीका उत्सव मनाया जा रहा है. इस बीच कोविड वैक्सीन को लेकर राजनीति तेज़ है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी लगातार वैक्सीन के निर्यात का विरोध करती रही है. ऐसे में टीका उत्सव के पहले दिन आम आदमी पार्टी के विधायक और दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि वैक्सीन का राष्ट्रीयकरण करने और सभी नागरिकों को वैक्सीन उपलब्ध कराना बेहद आवश्यक है.
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में राघव चड्ढा ने लिखा है कि 'युवा भारत के प्रतिनिधि और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के निर्वाचित विधायक के नाते मैं, कोरोना वैक्सीन के गंभीर विषय पर आपको यह पत्र लिख रहा हूं. भारत सरकार वैक्सीन उपलब्ध कराने के मामले में अपने देश के नागरिकों को प्राथमिकता देने की बजाय अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को प्राथमिकता दे रही है. भारत सरकार 84 देशों को 64 मिलियन से अधिक कोरोना वैक्सीन निर्यात कर कूटनीतिक रिश्ते निभा रही है. ऐसा करके अपने देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों की पूरी तरह से अनदेखी और उपेक्षा की गई है. जैसा कि आप जानते हैं, हमारा देश कोरोना वैक्सीन की भारी किल्लत का सामना कर रहा है. देश भर में हजारों वैक्सीनेशन केंद्रों को वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने की वजह से बंद कर दिया गया है. कई राज्यों में वैक्सीन का स्टॉक ही नहीं बचा है और कुछ राज्यों में वैक्सीन का स्टॉक केवल 3 से 5 दिनों के लिए ही बचा है.'
प्रधानमंत्री के नारे का ज़िक्र करते हुए राघव चड्ढा नेआपने ही नारा दिया था, ‘जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं.' अब जब भारत ने जीवन रक्षक वैक्सीन बनाना शुरू कर दिया है, तो भारत सरकार ने 84 देशों को 64 मिलियन से अधिक वैक्सीन के डोज निर्यात का निर्णय लिया है, जबकि हमारे देश के नागरिक वैक्सीन केंद्रों पर अभी भी वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. मैं भारत सरकार से पूछना चाहता हूं कि आपकी प्राथमिकताओं में कौन है? दिल्ली के लोग हैं या दूसरे देशों में रहने वाले लोग हैं? महाराष्ट्र या माॅरीशस के लोग हैं, बंगाल के लोग हैं या बांग्लादेश के लोग हैं, गुजरात के लोग हैं या गुयाना के लोग हैं? ओडिशा या ओमान के लोग हैं? उत्तर प्रदेश के लोग हैं या ब्रिटेन के लोग हैं? केरल के लोग हैं या केन्या के लोग हैं?'
पत्र में राघव चड्ढा ने आगे लिखा है कि 'हालांकि, हम अन्य देशों को मानवीय सहायता करने के विरोध में नहीं हैं, लेकिन यह भारतीय नागरिकों, विशेष रूप से युवा भारत की कीमत पर कतई नहीं होना चाहिए, जो वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद अपनी बारी का इंतजार कर रहे रहे है. मैं भारत सरकार से अनुरोध करता हूं कि वैक्सीन का राष्ट्रीयकरण किया जाए और तुच्छ अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्ध प्राप्त करने से पहले, भारत में रहने वाले 135 करोड़ लोगों के टीकाकरण को प्राथमिकता दी जाए. एक तरफ, वैक्सीन की डोज देश से बाहर भेजी जा रही है और दूसरी तरफ, देश के कई राज्यों में वैक्सीन की कमी की वजह से वैक्सीनेशन सेंटर बंद हो रहे हैं. यह खबरें और भी चिंताजनक हैं कि भारत सरकार आने वाले दिनों में पाकिस्तान को करीब 45 मिलियन डोज का निर्यात करने जा रही है. एक तरफ, भारत सरकार दावा करती है कि पाकिस्तान ने सिर्फ भारत को आतंकवाद निर्यात किया है और दूसरी तरफ, हम पाकिस्तान को जीवन रक्षक वैक्सीन निर्यात कर रहे हैं.'
देश के सभी नागरिकों को वैक्सीन उपलब्ध कराने की बात कहते हुए पत्र में लिखा है कि 'कृपया, वैक्सीन का राष्ट्रीयकरण करने के साथ-साथ इसे देश के सभी नागरिकों को उपब्लध कराने पर भी ध्यान दें. मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि कूटनीतिक फैसलों के खातिर भारत के युवाओं को नुकसान न पहुंचाएं. स्वास्थ्य का मौलिक अधिकार सिर्फ वृद्ध और बीमार लोगों तक सीमित नहीं है. यह महत्वपूर्ण है कि भारत सरकार इस बात को जल्द समझे कि हमें वैक्सीन सबके लिए खोल देने की आवश्यकता है. संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों ने 19 अप्रैल 2021 तक सभी वयस्क युवाओं को वैक्सीन लगाने का फैसला किया है. इसके अलावा, उसने अपनी पूरी आबादी को दो बार टीका लगाने के लिए वैक्सीन का भंडारण भी कर लिया है. इसके साथ ही, दूसरे देश संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, हंगरी, कनाडा आदि ने अपने नागरिकों को दो से तीन बार टीका लगाने के लिए वैक्सीन का पर्याप्त भंडारण कर लिया है और वे राजनयिक आकांक्षाओं को पूरा करने की बजाए अपने नागरिकों को प्राथमिकता दे रहे हैं.'
'संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश भी न सिर्फ वैक्सीन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा चुके हैं, बल्कि वैक्सीन को बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल के निर्यात पर भी रोक लगा रहे हैं. जबकि यहां हम, विश्व स्तर पर कोरोना वैक्सीन का निर्माता होने के बावजूद, खुशी-खुशी इसका निर्यात कर रहे हैं. हमें अब पहले से कहीं अधिक वैक्सीन की आवश्यकता है, क्योंकि राज्य सरकारें अपने राज्य में कोरोना के खराब हालात को नियंत्रित करने के लिए लोगों के खुली आवाजाही पर प्रतिबंध लगाती जा रही हैं. यह कोविड-19 की सबसे गंभीर लहर है.'
वैक्सीन के राष्ट्रीयकरण की मांग करते हुए राघव चड्ढा ने लिखा है कि 'वैक्सीन का राष्ट्रीयकरण और इसे सभी के लिए खोला जाना समय की जरूरत है. वैक्सीन को लेकर भारत में कड़े नियम होने चाहिए. पहला यह कि भारत के लोगों को पहली प्राथमिकता दी जानी चाहिए और बाद में दूसरे देशों को निर्यात को प्राथमिकता देनी चाहिए. जब हमारे देश में हजारों की संख्या में लोग मर रहे हैं, तो ऐसे में भारत सरकार को वैक्सीन का निर्यात नहीं करना चाहिए. यह समझ से परे है कि हमारे पास इलाज है, लेकिन हमारी पहुंच से बाहर है. वैक्सीन के राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देकर भारत सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर भारतीय नागरिक का वैक्सीनेशन हो और उसे भारत सरकार के राजनयिक फैसलों के कारण नुकसान न उठाना पड़े.'
मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की बैठक के बारे में बात करते हुए राघव चड्ढा ने कहा है कि 'मैंने दो दिन पहले, मुख्यमंत्रियों को दिया गया आपका संबोधन सुना था. जिसमें आपने वैक्सीन को लेकर संदेहों और वैक्सीन की बर्बादी के बारे में अपनी चिंता जाहिर की थी. इन दोनों जायज चिंताओं का स्वतः समाधान हो जाएगा, बशर्ते कि हमारा देश वैक्सीन के राष्ट्रीयकरण और वैक्सीन के सार्वजनीकरण की नीति को अपनाए. युवा भारत के प्रतिनिधि के नाते मैं, आपसे यह सुनिश्चित करने के लिए प्रार्थना करता हूं कि भारत सरकार अपनी वैक्सीनेशन नीति का पुनर्मूल्यांकन करे और न केवल वैक्सीन को लेकर राजनयिक निर्णयों की, बल्कि अपने युवाओं सहित भारतीय नागरिकों की भी चिंता करे.
Election Results 2024
(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
वैक्सीनेशन को लेकर AAP नेता राघव चड्ढा ने लिखा PM को पत्र, वैक्सीन का राष्ट्रीयकरण करने की मांग की
अंजलि सिंह
Updated at:
11 Apr 2021 05:25 PM (IST)
प्रधानमंत्री के नारे का ज़िक्र करते हुए राघव चड्ढा नेआपने ही नारा दिया था, ‘जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं.' अब जब भारत ने जीवन रक्षक वैक्सीन बनाना शुरू कर दिया है, तो भारत सरकार ने 84 देशों को 64 मिलियन से अधिक वैक्सीन के डोज निर्यात का निर्णय लिया है.
Raghav_Chadha
NEXT
PREV
Published at:
11 Apr 2021 05:20 PM (IST)
पढ़ें आज की ताज़ा खबरें (Hindi News) देश के
सबसे विश्वसनीय न्यूज़ चैनल ABP न्यूज़ पर - जो देश को रखे आगे.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -