(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न मिलने पर बोली AAP, ‘एक बार संघ की शाखा में जाओ भारत का रत्न बन जाओ’
प्रणब मुखर्जी पिछले साल जून में नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी समेत कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने प्रणब मुखर्जी से कार्यक्रम में नहीं जाने की अपील की थी.
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न सम्मान देने पर विवादित ट्वीट किया है. संजय सिंह ने कहा है कि एक बार संघ की शाखा में जाओ भारत का रत्न बन जाओ. उनके इस ट्वीट के बाद राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. बता दें कि प्रणब मुखर्जी के अलावा जनसंघ के नेता नाना जी देशमुख और प्रख्या त गायक, संगीतकार और गीतकार भूपेन हजारिका को भी मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा की गई है.
संजय सिंह ने क्या ट्वीट किया है?
संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा है, ‘’बीजेपी की भारत रत्न योजना "एक बार संघ की शाखा में जाओ भारत का रत्न बन जाओ" मज़ाक़ बना दिया भारत रत्न का.’’ इतना ही नहीं संजय सिंह ने एक अन्य ट्वीट में कहा है, ‘’भारत रत्न: स्व.नाना जी देशमुख, पूर्व सांसद BJP समाजसेवी, स्व.भूपेन हज़ारिका पूर्व बीजेपी एमपी उम्मीदवारअद्दभूत गायक, आदरणीय प्रणव दा पूर्व राष्ट्रपति और संघ के कार्यक्रम में शामिल.’’
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प्रणब दा के अलावा नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को भी भारत रत्न, जानें इनके बारे में संघ के कार्यक्रम में शामिल हुए थे प्रणब मुखर्जी बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस की सरकार में वित्त मंत्री रहे प्रणब मुखर्जी पिछले साल जून में नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. प्रणब ने संघ के शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में भाषण दिया था. प्रणब मुखर्जी की तरफ से आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता स्वीकार किए जाने का कांग्रेस नेताओं ने जमकर विरोध किया था. प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी समेत कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने प्रणब मुखर्जी से कार्यक्रम में नहीं जाने की अपील की थी. 2 जनवरी 1954 को हुई थी भारत रत्न की स्थापना बता दें कि कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में असाधारण और उल्लेखनीय राष्ट्र सेवा करने वालों को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान दिया जाता है. इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा की गई थी. पहला भारत रत्न सम्मान चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को प्रदान किया गया. शुरू में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का चलन नहीं था, लेकिन एक साल बाद इस प्रावधान को जोड़ा गया. इसी तरह खेलों के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वालों को भारत रत्न से सम्मानित करने का प्रावधान भी बाद में शामिल किया गया. वीडियो देखें-भाजपा की भारत रत्न योजना "एक बार संघ की शाखा में जाओ भारत का रत्न बन जाओ" मज़ाक़ बना दिया भारत रत्न का।
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) January 25, 2019