नई दिल्ली: दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर शाहीन बाग का मुद्दा चर्चा में है.  रविवार को दिल्ली बीजेपी कार्यालय में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू की मौजूदगी में शाहीन बाग के सामाजिक कार्यकर्ता और CAA विरोधी प्रदर्शन में शामिल शहज़ाद अली ने बीजेपी ज्वाइन कर ली. वहीं सोमावर को आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि शाहीन बाग का धरना एक रणनीति के तहत बीजेपी द्वारा प्रायोजित था.


एक प्रेस कांफ्रेंस में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा, "पहले दिल्ली का चुनाव बिजली-पानी के मुद्दे पर लड़ा जाता था, सड़क और प्रदूषण के मुद्दे पर लड़ा जाता था, लेकिन इस बार जो दिल्ली का चुनाव बीजेपी ने लड़ा वो शाहीन बाग के मुद्दे पर लड़ा गया. "


सौरभ भारद्वाज ने कहा, "बीजेपी की चुनाव लड़ने की जो रणनीति होती है, वो कोई ऐसा नहीं होती कि प्रवेश वर्मा नाम का कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से ऐसी रणनीति बना ले या कोई अनुराग ठाकुर उसका फैसला कर ले. बकायदा उच्च स्तर के नेताओं द्वारा बैठकर रणनीति तैयार की जाती है कि इस चुनाव में रणनीति क्या रहेगी ? यह बाकायदा तय किया गया था कि दिल्ली का चुनाव बीजेपी शाहीन बाग के मुद्दे पर ही लड़ेगी."  उन्होंने कहा, “अब समझ आ रहा है कि बीजेपी और शाहीन बाग के तार जुड़े हुए थे. अब ये साफ हो गया है, की कनेक्शन जुड़ा हुआ है.”


बीजेपी पर हमला बोलते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा, "बीजेपी ने दिल्ली का चुनाव प्रभावित करने के लिए सीएए और एनआरसी के खिलाफ शाहीनबाग में धरना कराया था.  पूरा चुनाव शाहीनबाग पर ही लड़ा और पहले सर्वे में जो 18 प्रतिशत वोट मिलना था, वो बढ़ कर 38 प्रतिशत हो गया.”


सौरभ भारद्वाज ने कहा, “जिस शाहीन बाग के बारे में कहा गया कि लोगों ने देश विरोधी, देश के टुकड़े-टुकड़े करने और पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए, उन्हें कल खुद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने पार्टी में शामिल कराया. दिल्ली पुलिस एक दिन से ज्यादा किसी धरने को नहीं टिकने देती है, लेकिन शाहीनबाग का धरना 101 दिनों तक चलने दिया और लाखों लोग परेशान हुए.”


गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA को लेकर शाहीन बाग में करीब 3 महीने तक धरना प्रदर्शन चला था. खासकर महिलाओं ने इस प्रदर्शन को लीड किया था. इस दौरान पूरे देश से लोग CAA के विरोध में प्रदर्शन में शामिल होने के लिए यहां आते रहे. दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान शाहीन बाग बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना था.


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