Supreme Court: आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती को यूपी के सुल्तानपुर में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ केस को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग ठुकरा दी है. साथ ही मुकदमे पर लगी रोक को भी कोर्ट ने हटा दिया है. यह केस यूपी के अस्पतालों और वहां के लोगों के बारे में सोमनाथ के अपमानजनक बयान को लेकर 2021 में दर्ज हुआ था.
10 जनवरी 2021 को कथित तौर पर सोमनाथ भारती ने अमेठी में कहा था कि यूपी के अस्पतालों में बच्चे तो पैदा हो रहे हैं, लेकिन कुत्ते के बच्चे पैदा हो रहे हैं. इसे लेकर वहां के रहने वाले सोमनाथ साहू नाम के व्यक्ति ने उनके खिलाफ जगदीशपुर थाने में IPC की धारा 505 और 153A के तहत एफआईआर दर्ज करवाई थी.
यूपी सरकार को जारी हुआ था नोटिस
सोमनाथ भारती इस मुकदमे को राजनीतिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. उन्होंने उत्तर प्रदेश के माहौल को अपने प्रति द्वेष भरा बताते हुए केस दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की थी. जुलाई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए मुकदमे पर अंतरिम रोक लगा दी थी.
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हो सकते हैं पेश
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम.एम.सुंदरेश और अरविंद कुमार की बेंच ने सोमनाथ भारती के वकील से पूछा कि वह मुकदमा दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग क्यों कर रहे हैं? वकील ने कहा कि मुकदमे में उनके खिलाफ कोई ठोस तथ्य नहीं है. केस सिर्फ उन्हें परेशान करने के लिए दर्ज हुआ था. इस पर जजों ने कहा कि उन्हें जो भी कहना है वह सुल्तानपुर की कोर्ट में रख सकते हैं. अगर वहां कोई याचिका दाखिल करने की जरूरत है तो उसे दाखिल कर सकते हैं. इसके बाद कोर्ट ने सोमनाथ भारती की याचिका खारिज कर दी. हालांकि, जजों ने कहा कि अगर सोमनाथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी का आवेदन देते हैं तो सुल्तानपुर की कोर्ट उस पर विचार करें.
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