AAP On Delhi Kanjhawala Accident: आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक दल ने मंगलवार (3 जनवरी) को पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा. मामले में आरोपियों को बचाने वाले डीसीपी (DCP) समेत पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की है. AAP ने कहा है कि इस घटना के आरोपी बीजेपी से जुड़े हैं. दिल्ली पुलिस बीजेपी के दबाव में आए बिना आरोपियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करे. इस मामले को रेयर ऑफ रेयरेस्ट मानते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी मर्लीना (Atishi Marlena) ने कहा कि कंझावला कांड आरोपी के बीजेपी नेता होने की वजह से उप राज्यपाल और दिल्ली पुलिस उसे बचाने में जुटे हैं.
आतिशी ने कहा एलजी के पास सीएम अरविंद केजरीवाल के काम रोकने के लिए 24 घंटे हैं, लेकिन दिल्ली की महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए दिन में एक मिनट भी नहीं है. दिल्ली के लोगों को चिंता है कि उनके घर की महिलाएं-बेटियां अपने घरों से बाहर कैसे निकलें. इस प्रकार की हिंसा किसी भी महिला के साथ हो सकती है. ऐसा दरिंदगी भरा अपराध होता है तो लगता है कि पूरा पुलिस विभाग ऊपर से नीचे तक आरोपियों को बचाने में लगा हुआ है.
दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हो कड़ा एक्शन
AAP विधायकों ने इस दौरान मांग करते हुए कहा कि आरोपियों के साथ-साथ मामले को कमजोर करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ा एक्शन लिया जाए, ताकि आगे पुलिस वालों में भी डरे रहे कि अगर वे कानून व्यवस्था कायम नहीं रखेंगे तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी. पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि अपनी जांच के बाद दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे.
पुलिस क्यों छुपा रही है घटना से जुड़ी कॉल का सच
आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पुलिस बड़ी बात छुपाते हुए बयान दे रही है कि इस घटना से जुड़ी हुई पहली कॉल 3:22 पर आई थी. उसके भाई ने हादसे की पीसीआर (PCR) कंप्लेन 112 नंबर पर रात को 2:18 पर की है. पुलिस कमिश्नर को पूछा कि क्या यह सही है कि पहली पीसीआर कॉल आप जो बता रहे थे, उससे भी 1 घंटे पहले की है तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. पुलिस आयुक्त दिल्ली के लोगों को बताएं कि किन दोषी पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त करेंगे और किन लापरवाह पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड करेंगे.
FIR को किया डिले तो पोस्टमार्टम को 36 घंटे किया लेट
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केजरीवाल सरकार की तरफ से इस परिवार की हर संभव मदद की जाएगी. बच्ची की मां के इलाज से लेकर आर्थिक मदद दी जाएगी. सीएम ने प्रॉसीक्यूशन विभाग को कह दिया है कि दिल्ली का सबसे बढ़िया क्रिमिनल लॉयर उस लड़की को दिया जाएगा, ताकि पुलिस की अगर कुछ कमियां भी हों तो उनसे भी पार पा सकें. सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने मृतक बच्ची की एफआईआर को कमजोर किया है. उससे जुड़ी एफआईआर को 15 घंटे तक डिले किया और पोस्टमॉर्टम को 36 घंटे तक लेट किया.
इससे साफ है कि लोकल पुलिस मामले को दबाने का हर संभव प्रयास कर रही थी. एफआईआर को कमजोर कर रही थी और आरोपियों की वकालत कर रही थी. इस दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती, कुलदीप कुमार, प्रमिला टोकस, संजीव झा, दिनेश मोहनिया, अब्दुल रहमान सहित अन्य मौजूद रहे.
लापरवाह पुलिस पर कि जाएगी कार्रवाई
इस दौरान AAP विधायक आतिशी ने कहा कि उनकी मांगें सुनने के बाद पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि वह अभी अपनी जांच कर रहे हैं. इसमें जो भी पुलिस अधिकारी लापरवाही के दोषी पाए जाएंगे या जिन्होंने अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं निभाई है और आरोपियों का जिन्होंने बचाव किया है, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी. आतिशी ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि पुलिस कमिश्नर की यह खोखले शब्द नहीं है. क्योंकि आज यह मुद्दा गरम है. पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाए क्योंकि दिल्ली की जनता की यही मांग है.
महिला पत्रकार के साथ पुलिस ने की बदतमीजी
इस डेलीगेशन में शामिल AAP विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमने तीसरा सवाल किया की जो मीडिया की महिला पत्रकार हैं, वह इस खबर की सच्चाई को निकालने थाने पहुंची. उनके साथ पुलिस के लोगों ने बदतमीजी की. उनके साथ धक्का-मुक्की की. वह टीवी पर साफ-साफ तौर पर चला है. इस पर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हम इस मामले को भी देख रहे हैं. लेकिन उन्होंने कोई ठोस बात नहीं कि वह डीसीपी और पुलिस वालों पर क्या एक्शन लेंगे.
आम आदमी पार्टी के विधायकों ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर की ये पांच मांगें
1. डीसीपी की ओर से आरोपियों को बचाया जा रहा था, ऐसे में डीसीपी को बर्खास्त किया जाए.
2. उस मार्ग पर जितने भी पुलिसकर्मी नियुक्त थे, उन सभी को बर्खास्त किया जाए.
3. जिस व्यक्ति ने एफआईआर दर्ज की और हल्की धाराएं लगाईं, उसको बर्खास्त किया जाए.
4. इस मामले को रेयर ऑफ रेयरेस्ट मानते हुए सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.
5. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घटना के आरोपियों का राजनीतिक रसूख है, दिल्ली पुलिस राजनीतिक दबाव में आए बिना आरोपियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करे.