नई दिल्ली: दिल्ली की केजरीवाल सरकार अब लोगों से पूछकर ये तय करेगी की दिल्ली में कहां शराब की दुकान होगी और कहां नहीं, रविवार को तिलकनगर से इसकी शुरुआत हुई, हालांकि केजरीवाल सरकार के इस फैसले पर सवाल भी उठ रहे हैं.


दिल्ली के तिलकनगर में सीएम अरविंद केजरीवाल के सामने ये बैठक अनमोल वॉटिका के शराब की दुकान पर जनता की राय जानने के लिए बुलाई गई. मंच पर केजरीवाल के साथ डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और विधायक जरनैल सिंह भी नजर आए. मंच पर हाथ में माइक लिए सीएम केजरीवाल जैसे ही शराब की दुकान बंद करने का फैसला सुनाया. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता तो तालियां बजाने लगे लेकिन दुकान के मालिक लक्ष्मण के साथ इलाके के लोग सीएम के फैसले का विरोध करते हुए हंगामा शुरू कर दिया. हंगामा बढ़ता देख सीएम केजरीवाल के साथ मनीष सिसोदिया और जरनैल सिंह बैठक बीच में छोड़कर बाहर निकल गए.


सीएम अरविंद केजरीवाल ने बाहर आकर दावा किया कि जनता ने वोटिंग से फैसला किया है कि अनमोल वॉटिका की शराब की दुकान अब नहीं रहेगी.


उन्होंने कहा, ''इस पूरे मुद्दे पर जनता के साथ दुकानवाले ने भी अपनी बात रखी. फिर वोटिंग का फैसला किया गया. किसी शराब दुकान को लेकर ऐसा पहली बार हुआ. नहीं तो बंद कमरे में बैठक कर कोई ऑफिसर या मंत्री निर्णय लेता तो उसमें गलत होने और विवाद होने की संभावना ज्यादा रहती. ऐसे हालात में भ्रष्टाचार भी भूमिका निभा सकती थी. लेकिन जो लोग भुक्तभोगी हैं वो सीधे निर्णय ले. ये आम आदमी पार्टी की सरकार की फिलॉसफी है. जनता ने दुकान बंद करने का निर्णय लिया है. जो भी जनता तय करेगी वो सरकार के सिर-माथे पर है. पूरी दिल्ली में जहां-जहां शिकायते आएंगी इस तरह से इसी तरह से किया जाएगा"


दिल्ली में अब जो भी होगा जनता के फैसले से ही होगा, ये कहकर दिल्ली के सीएम केजरीवाल खुद अपनी पीठ थपथपा रहे हैं. दुकान के मालिक से लेकर तिलक नगर के जिस शराब की दुकान को लेकर रायशुमारी हो रही है वहीं के रहने वाले इलाके के कुछ लोग सीएम के फैसले का खुलकर विरोध कर रहे हैं.


एक स्थानीय निवासी ने कहा, ''दुकान बंद करने के लिए जनता से राय ली जा रही है अगर दुकान खोलने से पहले भी जनता राय ली जाती तो बेहतर होता''


वहीं दुकान के मालिक लक्ष्मण शर्मा बेहद परेशान हैं और सरकार के फैसले को तुगलकी फरमान बताते हुए कई गंभीर आरोप लगा रहे हैं.


तिलकनगर के विधायक जरनैल सिंह का दावा है कि इलाके की महिलाओं को शराब की दुकान के बगल से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा था इसी लिए जनता की राय पर दुकान बंद करने का फैसला किया गया है.


सरकार ने जनता की रायशुमारी बताकर अपना फैसला सुना दिया है. विरोधी दबी जुबान में कह रहें हैं कि सीएम अरविंद केजरीवाल का ये फैसला राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवारों एनडी गुप्ता और सुनील गुप्ता को लेकर उठ रहे विवाद से ध्यान भटकाने की है. फैसले के बाद शराब की दुकान बंद होगी. या फिर विरोध को देखते हुए दूसरी जगह शिफ्ट होगी, इस सवाल का जवाब सीएम केजरीवाल टालकर निकल गए. फैसला सोच-समझ कर एक्साइज डिपार्टमेंट को करना है कि दिल्ली के हर-गली मोहल्लों में खुली इस तरह की शराब की दुकान का अगर दिल्ली की जनता विरोध करने लगी तो दिल्ली सरकार और एक्ससाइज डिपार्टमेंट के अधिकारी क्या करेंगे