नई दिल्ली: नागरिकता कानून को लेकर दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर बीजेपी ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया. इसपर आम आदमी ने पलटवार करते हुए कहा कि हम दंगे के खिलाफ हैं और दंगों की मास्टरी किसके पास है ये जनता जानती है. मनीष सिसोदिया ने बीजेपी को जवाब देते हुए कहा कि जांच एजेंसी है, जांच करवाएं और जो भी दोषी है उसको जेल भेजें.


इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली का चुनाव मुद्दों का चुनाव होगा. दिल्ली की जनता जवाब मांगेगी कि बीजेपी मुद्दों से क्यों बचती हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी शिक्षा को महंगी क्यों रखना चाहती है. सस्ती शिक्षा के खिलाफ क्यों है. बीजेपी ने सीबीएसई से कहकर फीस बढ़वा दी. सामान्य छात्र के लिए 450 रु से 1950 रुपये और एससी/एसटी के लिए 1650 रुपये करवा दी. फीस में चार गुना बढ़ोत्तरी हुई. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने छह लाख परिवारों के ऊपर महंगी फीस का बोझ डाल दिया.


मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, ''दिल्ली सरकार ने जब 10 वीं और 12 वीं की CBSE परीक्षा की फ़ीस भरने का एलान किया तो बीजेपी ने इसे रोकने की साज़िश क्यों रची? बीजेपी के नेता जवाब दें कि वो दिल्ली के लाखों बच्चों की पढ़ाई को महँगा रखने की साज़िश क्यों रच रहे थे?''


बीजेपी ने क्या कहा था?


दरअसल आज केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर दिल्ली में हुई हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सीएए को लेकर जानबूझकर अल्पसंख्यकों के मन में भ्रम पैदा किया गया. सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहु्ंचाया गया. जावड़ेकर ने कहा कि इसके लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पूरी तरह से जिम्मेदार हैं और दिल्ली की जनता से इन्हें माफी मांगनी चाहिए.


जावड़ेकर ने ट्वीट करते हुए कहा, ''अमानतुल्ला ने अपने बयान में कहा, ‘CAA से मुसलमानों की दाढ़ी-टोपी और बुर्का बैन होगा, मस्जिदों से माइक उतरवाए जाएंगे.‘ इन बातों का इस कानून से क्या संबंध है. ये तो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून है.''


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