नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) नेता अलका लांबा की क्या घर वापसी होगी? इस बात की अटकलें तब नए सिरे से शुरू हुई जब उन्होंने एक ट्वीट किया. लांबा ने अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल पर लिखा, ''हम उनसे मिले भी ना थे, फिर भी बदनाम हो गए, सोचा अब बदनाम हो ही चुके है, तो क्यों ना उनसे मिलने का मज़ा चख ही लिया जाये.''
ध्यान रहे कि पिछले कुछ दिनों से अलका लांबा आम आदमी पार्टी में अलग थलग चल रही हैं. अलका लांबा ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के खिलाफ आप विधायक द्वारा दिल्ली विधानसभा में लाए गए भारत रत्न सम्मान वापसी प्रस्ताव का विरोध किया था. तब अलका लांबा ने कहा था, “मुझे जब प्रस्ताव पारित होने की जानकारी मिली तो मैंने इस पर आप संयोजक अरविंद केजरीवाल से बात की.” उन्होंने बताया, “केजरीवाल ने मुझसे विधायक पद से इस्तीफा देने को कह दिया है. इसलिए मैं पार्टी प्रमुख के आदेश का पालन करते हुए इस्तीफा देने जा रही हूं.”
हालांकि बाद में आम आदमी पार्टी ने सफाई देते हुए कहा कि अलका लांबा से इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा गया है. साथ ही पार्टी ने कहा था कि राजीव गांधी के खिलाफ एक विधायक ने प्रस्ताव दिया था. जिसे विधानसभा से मंजूरी नहीं मिली.
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अलका लांबा करीब 20 साल तक कांग्रेस में रहने के बाद 26 दिसंबर 2014 को आम आदमी पार्टी में शामिल हो गई थी. उसके बाद वे 2015 विधानसभा चुनाव में दिल्ली के चांदनी चौक से विधायक चुनी गईं.
आप विधायक लांबा ने एक जनवरी को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ फोटो ट्वीट किया था. उन्होंने कहा था, ''पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी मेरे लिये देश के पहले ऐसे PM हैं जिनसे मुझे ना केवल मुलाकात करने का अवसर मिलता रहता है, बल्कि उनके ज्ञान-अनुभवों को जानने के साथ, हिंदुस्तान की राजनीति, युवाओं-महिलाओं की भागीदारी पर चर्चा करने का अवसर भी मिलता है.''