Amanatullah Khan Bail Petition: दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को एक और झटका लगा है. दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है. उनकी ओर से दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई गई थी, जिस पर शुक्रवार (1 मार्च) को सुनवाई हुई. ईडी ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की है, जिसके बाद अपनी गिरफ्तारी की आशंका जाहिर करते हुए अमानतुल्लाह खान ने अग्रिम जमानत के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका लगाई थी. हालांकि कोर्ट ने उन्हें फिलहाल राहत देने से इनकार कर दिया है.


आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान पर आरोप है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड में अपने कार्यकाल के दौरान कर्मचारियों की भर्ती और संपत्तियों को पट्टे पर देने में जमकर वित्तीय भ्रष्टाचार हुआ है. विशेष न्यायाधीश राकेश सयाल ने आवेदन पर खान और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील की दलीलें सुनने के बाद 24 फरवरी को आदेश सुरक्षित रख लिया था.


क्या कहना है ईडी का?


ईडी ने बहस के दौरान अमानतुल्लाह खान के आवेदन का विरोध किया और दावा किया कि यदि उनको गिरफ्तारी से पहले जमानत दी गई तो वह जांच में सहयोग नहीं करेंगे. ईडी ने हाल ही में दायर आरोप पत्र में अमानतुल्लाह खान को आरोपी के रूप में नामित नहीं किया था. एजेंसी ने अपनी शिकायत में पांच को नामित किया है. ईडी के आरोप पत्र में अमानतुल्लाह खान के तीन संदिग्ध सहयोगी - जीशान हैदर, दाउद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी भी शामिल हैं.


जमीन कारोबार में किया निवेश 
अक्टूबर में अमानतुल्लाह खान और कुछ अन्य लोगों से जुड़े परिसरों पर छापेमारी के बाद ईडी ने दावा किया था कि आप विधायक ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती से कैश के रूप में भारी कमाई की और उसे उसके साथियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने में निवेश किया. ईडी ने कहा कि 2018-2022 के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देने और कर्मचारियों की अवैध भर्ती के मामले में जमकर रुपये की वसूली हुई. मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला सीबीआई की एफआईआर और दिल्ली पुलिस की तीन शिकायतों के आधार पर शुरू हुआ है. छापेमारी के दौरान कई सबूत भी बरामद हुए हैं.


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