दिल्ली में आप की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भी दिखा कुमार पर 'अविश्वास'
एबीपी न्यूज से खास बातचीत के दौरान कुमार विश्वास ने कहा इससे पहले की राष्ट्रीय परिषद की बैठक का वह संचालन करते थे. लेकिन इस बार बैठक के दौरान उनका नाम मुख्य वक्ताओं की लिस्ट में था ही नहीं.
नई दिल्ली: गुरुवार को आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक सात घंटे तक चली. इस बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे. इस दौरान दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई जिसमें देश के आर्थिक, राजनीतिक और लोकपाल जैसे कई मुद्दे शामिल रहे. लेकिन दिल्ली में आप की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में एक बार फिर कुमार विश्वास और उनको लेकर पार्टी में किस तरह से 'अविश्वास' का माहौल का बनता जा रहा है इसी के इर्द गिर्द घूमती हुई नजर आई.
इस बैठक के बाद एक बार फिर से साफ हो गया की पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है. करीबन सात घंटे की बैठक के बाद जब आम आदमी पार्टी नेता कुमार विश्वास बाहर निकले तो उनके साथ ही उनके विरोधी कहे जाने वाले अमानतुल्ला की गाड़ी भी निकली. इसी दौरान कुमार विश्वास और अमानतुल्लाह के समर्थक आमने सामने आ गए. कुमार विश्वास के समर्थक जहां कुमार विश्वास जिंदाबाद के नारे लगाते हुए नजर आए तो वहीं अमानतुल्लाह के समर्थक उनके जयकारे करते हुए विश्वास के समर्थको के सामने खड़े हो गए.
एबीपी न्यूज से खास बातचीत के दौरान कुमार विश्वास ने कहा इससे पहले की राष्ट्रीय परिषद की बैठक का वह संचालन करते थे. लेकिन इस बार बैठक के दौरान उनका नाम मुख्य वक्ताओं की लिस्ट में था ही नहीं. इतना ही नहीं इस बार उन्हें बोलने का मौका भी नहीं मिला. कुमार विश्वास ने कहा कि उन्हें राज्य प्रभारी के तौर पर भी बोलने का मौका नहीं मिला. कुमार विश्वास ने राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ''ख़ुशियों के बेदर्द लुटेरो, ग़म बोले तो क्या होगा, ख़ामोशी से डरने वालो, 'हम' बोले तो क्या होगा..??''
ख़ुशियों के बेदर्द लुटेरो ग़म बोले तो क्या होगा ख़ामोशी से डरने वालो 'हम' बोले तो क्या होगा..?? ????
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) November 2, 2017
हालांकि इसके बाद राष्ट्रीय परिषद के मुद्दों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा कि बैठक के दौरान सभी लोगों को बोलने का मौका दिया गया है.
संजय सिंह ने कुमार विश्वास का नाम तो नहीं लिया पर यह जरूर कहा कि राजस्थान के प्रभारी को भी बोलने का मौका मिला. बाहर कुमार विश्वास कुछ और कह रहे थे और अंदर संजय सिंह कुछ और कहते दिखें. अब सवाल यह है कि क्या आने वाले दिनों में एक बार फिर कुमार विश्वास के मुद्दे पर पार्टी में उठापटक होने के आसार बन चुके हैं? सवाल यह भी है आखिर पार्टी का कुमार पर विश्वास क्यों कम हो रहा है?