AAP National Party: आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है. पार्टी को ये दर्जा ऐसे वक़्त पर मिला है जब अगले कुछ महीनों में कई अहम राज्यों में चुनाव है. साथ ही 2024 का लोक सभा चुनाव भी अब ज़्यादा दूर नहीं है. ऐसे समय में आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलना पार्टी के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद साबित हो सकता है.


पार्टी नेताओं में इसको लेकर काफ़ी ख़ुशी तो है ही साथ ही पार्टी ने संगठन में मज़बूती लाने के लिए कवायद में भी तेज कर दी है. मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी के बाद से पार्टी बैकफुट पर चली गई थी लेकिन इस बीच राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाने के बाद से एक बार फिर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं सभी का मनोबल काफ़ी बढ़ा है. यही वजह है कि आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने तमाम गठजोड़ पर काम करना शुरू कर दिया है.


आप की भविष्य की रणनीति


पंजाब में सरकार बनाने और गुजरात में मिली सफलता के बाद से ही पार्टी लगातार विस्तार के काम में लगी हुई थी लेकिन इसमें तेज़ी लाने के लिए पार्टी नेताओं ने अलग अलग राज्यों में संगठन को लेकर बैठकों की शुरूआत कर दी है. आम आदमी पार्टी के संगठन महामंत्री संदीप पाठक लगातार अलग-अलग राज्यों में घूम रहे हैं और संगठन तैयार करने को लेकर कई सारे बैठकें भी कर चुके हैं.


जिन राज्यों के संगठन को तैयार करने में इस वक़्त सबसे ज़्यादा कवायद नज़र आ रही है उनमें वो राज्य शामिल है जहां पर इस साल के अंत तक चुनाव होने हैं. जिनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे अहम राज्य शामिल हैं. पार्टी नेताओं का मानना है कि इन राज्यों में लगभग संगठन तैयार भी हो चुका है. यही वजह है कि आने वाले दिनों में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन राज्यों में बड़ी- बड़ी जनसभाएं और रोड शो भी करने की तैयारी में है.


आप की लोकसभा की तैयारी


इसके साथ ही पार्टी नेता इस बात का भी ऐलान पहले ही कर चुके हैं कि 2024 के लोक सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी बीजेपी को कड़ी टक्कर देने की पूरी तैयारी कर रही है. हालांकि लोकसभा की कितनी सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ेगी इस पर पार्टी ने अपने पत्ते अभी नहीं खोले है. हालांकि चुनावी राज्यों के साथ-साथ बाक़ी राज्यों में भी पार्टी नेता काफ़ी सक्रिय नज़र आ रहे हैं.


इसका सबसे बड़ा उदाहरण आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह इस वक़्त उत्तर प्रदेश में संगठन मज़बूत करने की कवायद में लगे हुए हैं. आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव लडने  की भी घोषणा कर चुकी है और इसके लिए भी संजय सिंह लगातार उत्तर प्रदेश के दौरे पर है.


इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिये पार्टी ने फ़िलहाल जो रणनीति तैयार की है वो कुछ इस तरह से है-



  • हर विधानसभा को 4 से 6 ब्लॉक में बांटा जाएगा और हर ब्लॉक पर एक प्रभारी नियुक्त किया जाएगा.

  • प्रत्येक 5 गांव पर एक सर्कल भी तैयार किया जाएगा और हर सर्कल पर भी एक प्रभारी चुना जाएगा.

  • इसके अलावा हर गांव के लिए भी एक प्रभारी नियुक्त किया गया है.


क्या कहना है राजस्थान प्रभारी का?


AAP के राजस्थान प्रभारी विनय मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के बाद कार्यकर्ताओं का मनोबल तो बढ़ा ही है साथ ही कई लोगों के फ़ोन भी आ रहे हैं जो पार्टी से जुड़ना चाहते है. विनय मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद संगठन को अब और भी ज़्यादा मज़बूती मिलगी औ इसका फ़ायदा चुनाव में भी देखने को मिलेगा. सचिन पायलट को पार्टी में जोड़ने का बात पर विनय मिश्रा ने कहा कि अगर वो हमारी पार्टी में आना चाहें तो इस पर विचार किया जा सकता है.


आम आदमी पार्टी के मुद्दे


संगठन मज़बूत करने के साथ साथ आम आदमी पार्टी किन मुद्दों के साथ 2024 के चुनाव में उतरेगी इसके लिए भी एक ख़ास रणनीति तैयार की जा रही है. हालाँकि पिछले कुछ दिनों से पार्टी जिन मुद्दों को उठा रही है माना जा रहा है कि उन्हीं मुद्दों के साथ पार्टी चुनावी मैदान में उतरेगी. जिसमें ख़ास तौर पर प्रधानमंत्री की डिग्री से जुड़ा मुद्दा होगा. इसको लेकर आम आदमी पार्टी पहले ही एक मुहिम शुरू कर चुकी है. जिसमें लोगों से यह सवाल पूछा जा रहा है कि देश का PM पढ़ा लिखा होना चाहिए या नहीं? साथ ही AAP नेताओं ने अपनी-अपनी डिग्री दिखाकर बीजेपी के नेताओं से उनकी डिग्री सामने रखने की चुनौती से जुड़ा अभियान भी शुरू कर दिया है.


इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने युवाओं को जोड़ने के लिए मेक इंडिया नंबर वन कैंपेन की भी शुरुआत की है. इस अभियान के तहत एक नंबर जारी कर लोगों से मिस कॉल देने की अपील की जा रही है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में लोग पार्टी के साथ जुड़ सकें. दरअसल इस अभियान का मक़सद बीजेपी का तर्ज पर राष्ट्रवादी छवि के तौर पर पार्टी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है और इसके ज़रिए ज़्यादा से ज़्यादा युवाओं को अपने साथ जोड़ने की कवायद भी की जा रही है.


तीसरा बड़ा मुद्दा जिसको लेकर आम आदमी पार्टी 2024 के चुनाव में BJP को टक्कर देने की तैयारी कर रही है वह है अडानी से जुड़ा मुद्दा. पिछले दिनों AAP सांसद संजय सिंह इस मुद्दे को लेकर लगातार संसद में भी BJP पर हमला बोलते हुए नज़र आए तो साथ ही मीडिया के सामने भी अडानी और केंद्र सरकार से जुड़े मुद्दों पर पोल-खोल अभियान चलाते नज़र आए.


साल 2024 लोकसभा का चुनाव पार्टी इन मुद्दों पर ही लड़ने की तैयारी में है, इसकी तस्दीक़ इस बात से भी होती है कि पिछले कुछ समय से पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल खुद भी इन्हीं मुद्दों पर बीजेपी को घेरने की कोशिशों में लगे हुये है. इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल जिस तरह से एक बार फिर सालों बाद खुलकर पीएम मोदी पर सीधा निशाना साध रहे है, उससे भी काफ़ी चीजें साफ़ हो जाती है.


इसके अलावा अरविंद केजरीवाल का विपक्षी पार्टी के नेताओं से मिलने का सिलसिला और बीजेपी विरोधी पार्टियों से जुड़े मुख्यमंत्रियों को एक मंच पर लाने की क़वायद को भी 2024 चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा. अरविंद केजरीवाल की कोशिश न सिर्फ़ बीजेपी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ने की है बल्कि 2024 में मोदी के सामने मुख्य विपक्षी चेहरे के तौर पर खुद को सामने रखने की है.


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