नई दिल्लीः दिल्ली बीजेपी के नये कार्यालय को आवंटित ज़मीन को लेकर आम आदमी पार्टी ने सवाल खड़े कर दिये हैं. आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगया है कि केंद्र शासित दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) ने दिल्ली बीजेपी कार्यालय के लिए दिल्ली के सबसे पॉश इलाके दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर 10 हजार गज जमीन मात्र 2 करोड़ में दे दी. सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया है कि जिस जमीन को बीजेपी कार्यालय बनाने के लिये आवंटित किया गया है वो किसी राजनीतिक पार्टी का कार्यालय बनाने के लिए नहीं थी, बल्कि बच्चों का स्कूल बनाने के लिए आवंटित की गई थी.
आम आदमी पार्टी के विधायक और प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले डीडीए ने बीजेपी को कार्यालय बनाने के लिए दीन दयाल मार्ग पर करोड़ों रुपए कीमत की 2 एकड़ की जमीन केवल दो करोड़ रुपए में ही दे दिया है. जबकि यह जमीन किसी राजनीतिक पार्टी का कार्यालय बनाने के लिए नहीं थी, बल्कि बच्चों का स्कूल बनाने के लिए आवंटित थी. दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर 2 करोड़ रुपए में 20 वर्ग गज जमीन भी कोई नहीं खरीद सकता है, लेकिन बीजेपी को प्राइम लोकेशन पर केवल 2 करोड़ में ही 10 हजार वर्ग गज जमीन दी गई है.
सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी से पूछे सवाल
आम आदमी पार्टी के कार्यालय के लिये ज़मीन न देने का आरोप लगाते हुए सौरभ भारद्वाज में कहा कि बीजेपी की दिल्ली विधानसभा चुनाव में सिर्फ 8 सीटें आईं, फिर भी उसे केंद्र सरकार ने पार्टी कार्यालय के लिए 10 हजार वर्ग गज जमीन दिया है, जबकि आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार है, लेकिन उसके कार्यालय के लिए सरकार के पास जमीन नहीं है. यही नहीं, बीजेपी की केंद्र सरकार कई बार आम आदमी पार्टी को अपने ही कार्यालय से निकालने की कोशिश कर चुकी है और पार्टी को लाखों रुपए का बिल भी भेज चुकी है.
सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी से सवाल पूछते हुए कहा कि दीनदयाल उपाध्याय मार्ग जैसे प्राइम लोकेशन पर बीजेपी को 2 करोड रुपए में 2 एकड़ यानि करीब 10 हजार वर्ग गज जमीन मिली है, क्या 2 करोड रुपए में यहां 20 गज जमीन भी मिल सकती है? 2 करोड़ रुपए में यहां पर 20 वर्ग गज जमीन भी कोई नहीं खरीद सकता है? क्या बीजेपी इतनी गरीब पार्टी है, जिसको ऐसे प्राइम लोकेशन पर केवल 2 करोड़ रुपए में ही 10 हजार वर्ग गज जमीन दी गई है? क्या यह सच नहीं है कि यह जमीन बच्चों के स्कूल बनाने के लिए आवंटित थी, जिसको बीजेपी ने अपना कार्यालय बनाने के लिए ले लिया है?
दिल्ली बीजेपी ने दी सफाई
वहीं आम आदमी पार्टी के आरोपों पर दिल्ली बीजेपी ने कागज दिखाते हुए सफाई दी है. दिल्ली बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी कुलजीत सिंह चहल ने दावा किया है कि ज़मीन की अलॉटमेंट बीजेपी सरकार में नहीं बल्कि कांग्रेस के समय से ही दिल्ली में सभी राजनीतिक दलों को ऑफिस अलॉट किये जाने की पॉलिसी बनी हुई है. कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय की 1127 स्क्वायर मीटर की अलॉटमेंट 15 मई 1987 को हुई. भारतीय जनता पार्टी ने अपने कार्यालय के आबंटन के लिए 2001 में आवेदन किया था. फिर कोर्ट का रुख करने के बाद 12 मई 2010 को भारतीय जनता पार्टी को 1060 स्क्वायर मीटर की जमीन आबंटित हुई थी. यूपीए सरकार ने जमीन आवंटित करने में काफी देरी की थी.
कुलजीत चहल के मुताबिक कांग्रेस की यूपीए सरकार अपने कार्यालयों के लिए जमीन अलॉट करती रही लेकिन भारतीय जनता पार्टी द्वारा अमाउंट का भुगतान करने के बावजूद भी जमीन की फिजिकल पोजिशन नहीं दी गई. वहीं साल 2004 में भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय के लिए मिली 1060 स्क्वायर मीटर की जमीन घटाकर 809 स्क्वायर मीटर कर दी गयी थी. उन्होंने कहा कि मैं सौरभ भारद्वाज को कहना चाहूंगा कि जमीन का आवंटन 10 हजार मीटर का नहीं है बल्कि 809 स्क्वायर मीटर है. साथ ही जमीन का आवंटन NDA नही बल्कि UPA सरकार के समय हुआ था. इसके अलावा झूठ फैलाया जा रहा है कि ये जमीन स्कूल की है. जबकि 24 जून 2015 को इस जमीन को रिहायशी से PSP (पब्लिक सेमी पब्लिक) में बदला गया था.
भू-माफिया है 'आप'
आम आदमी पार्टी के कार्यालय को कब्ज़ा बताते हुए कुलजीत चहल ने कहा कि कांग्रेस की UPA सरकार ने 9 नवंबर 2011 को एक संशोधन किया था कि राजनीतिक दल को 500 स्क्वायर मीटर का प्लॉट ही मिल सकता है. उस संशोधन के बाद जब आम आदमी पार्टी वजूद में आई उसके हिसाब से AAP को मात्र 500 स्क्वायर मीटर का कार्यालय मिल सकता है लेकिन जहां उनका मौजूदा कार्यालय है वहां वो भू-माफिया की तरह कब्ज़ा करके बैठे हैं. जिसका 1 रुपया भी उन्होंने जमा नहीं किया है. क्या सौरभ भारद्वाज और अरविंद केजरीवाल बतायेंगे कि AAP के कार्यालय का अलॉटमेंट कब हुआ?
AAP के आरोपों को निराधार बताते हुए कुलजीत चहल ने कहा कि इन आरोपों में कोई तथ्य नहीं है और सबूतों और फैक्ट्स के साथ हमने इसे साबित किया है. आम आदमी पार्टी को जब किसान आंदोलन का समर्थन नही मिला और तिरंगे का अपमान कर वो फ़ैल हो गए तो मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं.
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