AAP सांसद राघव चड्ढा को ब्रिटेन की संसद में सम्मान, इंडिया-यूके आउटस्टैंडिंग अचीवर्स अवॉर्ड से नवाजे गए
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को लंदन में प्रतिष्ठित "इंडिया यूके आउटस्टैंडिंग अचीवर" अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. एक साल के अंदर चड्ढा को यह दूसरा अंतरराष्ट्रीय सम्मान हासिल हुआ है.
Raghav Chadha News: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Rajya Sabha MP Raghav Chadha) को लंदन में प्रतिष्ठित "इंडिया यूके आउटस्टैंडिंग अचीवर" अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. यह अवॉर्ड उन्हें यूके पार्लियामेंट के एक ऐसे कार्यक्रम में मिला, जहां भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ का जश्न मनाया गया. इस मौके पर वहां 75 हाई अचीवर्स और 5 आउटस्टैंडिंग अचीवर्स को सम्मान दिया गया.
"इंडिया यूके आउटस्टैंडिंग अचीवर" (India UK Outstanding Achiever) अवॉर्ड प्राप्त करने पर राघव चड्ढा ने खुशी जताते हुए कहा, ''यह पुरस्कार किसी एक व्यक्ति की उपलब्धि नहीं है, बल्कि एक साधारण पृष्ठभूमि से आए साधारण व्यक्ति द्वारा प्राप्त किया गया पुरस्कार है. यह पुरस्कार 'आम आदमी पार्टी' नाम की एक असाधारण पार्टी का है और उसके असाधारण नेता, मेरे गुरु अरविंद केजरीवाल का है. साथ ही यह पुरस्कार मैं हजारों गुमनाम और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को भारत की सेवा के लिए उनके अथक और अटूट समर्पण के लिए समर्पित करता हूं.
Humbled to receive ‘India UK Outstanding Achievers Award’ in London, celebrating India@75 in UK Parliament. I dedicate this to an extraordinary person I have the honour of calling my mentor- @ArvindKejriwal & to our AAP volunteers whose unflinching devotion to India is exemplary. pic.twitter.com/Ncu91VkNIq
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) January 28, 2023
एक साल के अंदर चड्ढा को यह दूसरा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिला है. पिछले साल, उन्हें सबसे प्रतिष्ठित विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) द्वारा यंग ग्लोबल लीडर के रूप में सम्मानित किया गया था.
केजरीवाल और AAP को समर्पित किया अवॉर्ड
चड्ढा ने अवॉर्ड फंक्शन के दौरान आयोजकों को भी धन्यवाद दिया और भारत और यूके के बीच वर्षों से साझेदारी के विकास पर विचार साझा किए. उन्होंने मंच पर यह भी याद दिलाया कि महात्मा गांधी, डॉ. बीआर आंबेडकर, पं.जवाहरलाल नेहरू जैसे भारतीय लोकतंत्र के कई संस्थापकों ने ब्रिटेन में अध्ययन किया था.
'आज इंडिया में ब्रिटेन नहीं, ब्रिटेन में इंडिया है'
"दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र" में अध्ययन करने वाले "सबसे बड़े लोकतंत्र" के एक छात्र के रूप में अपनी यात्रा पर विचार साझा करते हुए, चड्ढा ने चुटकी ली कि आज इंडिया में ब्रिटेन की तुलना में, ब्रिटेन में इंडिया अधिक है- चाहे वह कोहिनूर हो या ऋषि सनक, ये गोल पूरा करने का इतिहास आ गया है. चड्ढा ने कहा कि ब्रिटेन में उनके छात्र जीवन ने उनकी विश्वदृष्टि को बदल दिया और नए दरवाजे खोल दिए. उन्होंने ब्रिटेन में भारतीय छात्रों की बढ़ती संख्या पर कहा, "LSE ब्रिटिश धरती पर एक भारतीय विश्वविद्यालय की तरह है'.
बता दें कि अब ब्रिटेन में भारतीय छात्र इतने ज्यादा हो गए हैं, वे ही सबसे बड़ा छात्र समुदाय बनाते हैं, इस मामले में हमने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है.
राघव चड्ढा को इसलिए मिला यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड
बता दें कि राघव चड्ढा ने इंडिया यूके आउटस्टैंडिंग अचीवर अवॉर्ड लंदन में बुधवार (25 जनवरी) को प्राप्त किया. राघव को "सरकार और राजनीति" कैटेगरी में "उत्कृष्ट उपलब्धि" के रूप में सम्मानित किया गया, जिसमें लोकतंत्र और न्याय के अनुभव में चेंज लाने और लोगों और ग्रह की भलाई के लिए चुनौतीपूर्ण सामाजिक समस्याओं से निपटने में अपनी उत्कृष्टता का प्रदर्शन करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया जाता है.
लंदन में ही पूरी हुई थी चड्ढा की पढ़ाई
चड्ढा ने प्रतिष्ठित लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) में अध्ययन किया था, जिसके बाद उन्होंने लंदन में एक बुटीक वेल्थ मैनेजमेंट फर्म की स्थापना की थी. इसके बाद वे भारत लौट आए और यहां एक युवा कार्यकर्ता के रूप में भ्रष्टाचार विरोधी कानून की मांग को लेकर इंडिया अगेंस्ट करप्शन मूवमेंट में शामिल हो गए. बाद में इस आंदोलन का समापन आम आदमी पार्टी (AAP) के गठन के साथ हुआ, जिसका नेतृत्व आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक रहे अरविंद केजरीवाल ने किया.
सबसे कम उम्र के राज्यसभा सांसद बने
एक युवा नेता के रूप में, चड्ढा आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य बने और केजरीवाल के मार्गदर्शन और सलाह लेते हुए काम किया. कड़ी मेहनत और समर्पण से भरे चड्ढा ने बहुत ही कम उम्र में भारतीय राजनीति में अपनी पहचान बनाई. 2022 में, केवल 33 वर्ष की आयु में, वह भारतीय संसद के उच्च सदन, राज्य सभा में संसद के सबसे कम उम्र के सदस्य बने, जिसमें वे पंजाब राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं.
पुरस्कार समारोह का आयोजन नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एलुमनी यूनियन (NISAU) यूके द्वारा भारत में ब्रिटिश काउंसिल की साझेदारी में किया गया था, जो यूके सरकार के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग और यूके के उच्च शिक्षा क्षेत्र के समर्थन से पूरा हुआ.