नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने सत्येंद्र जैन के बहाने सीएम अरविंद केजरीवाल पर सीधा हमला किया है. सत्येंद्र जैन का विवादों से पुराना नाता है. रिश्वत कांड में नाम उछलने के बाद सत्येंद्र जैन ने रात 8.10 मिनट पर सीएम आवास पहुंच कर केजरीवाल से मुलाकात की.


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मुलाकात में क्या निकला ये साफ नहीं है. लेकिन ये मुलाकात बता रही है कि आखिर किस तरह कपिल मिश्रा के सत्येंद्र जैन के केजरीवाल को रिश्वत देने के आरोप ने भूचाल ला दिया है. ये पहली बार नहीं है जब सत्येंद्र जैन की वजह से केजरीवाल मुश्किल में फंसे हों. इससे पहले भी जैन कई बार विवादों में आ चुके हैं.


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सतेंद्र जैन जब अन्ना आंदोलन से जुड़े थे तब वो सीपीडब्लूडी में नौकरी करते थे. नौकरी छोड़कर वो भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना और केजरीवाल की जंग का हिस्सा बने थे. इसका ईनाम केजरीवाल ने उनको तब दिया जब पार्टी बनी. सतेंद्र जैन शकूरबस्ती से दो-दो बार चुनाव जीतकर विधायक बने और केजरीवाल की दोनों सरकारों में मंत्री बने.


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विवाद नंबर- 1


कपिल मिश्रा का आरोप है कि सतेंद्र जैन ने केजरीवाल के करीबी रिश्तेदार के लिए 50 करोड़ का जमीन का सौदा कराया. सौदा खेती वाली जमीन का हुआ था जिसे बाद में व्यवसायिक जमीन में बदलकर मुनाफा कमाया.


विवाद नंबर- दो


केजरीवाल ने स्वास्थ्य के लिए बड़ी योजना मोहल्ला क्लीनिक शुरू की थी. स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन की देखरेख में योजना चल रही है. विवाद तब खड़ा हुआ जब सतेंद्र जैन ने अपनी बेटी सौम्या जैन को मोहल्ला क्लीनिक का सलाहकार बनाकर दिल्ली सरकार के सचिवालय में नौवीं मंजिल पर बने मोहल्ला क्लीनिक के दफ्तर में बिठा दिया.


विवाद नंबर- तीन


सतेंद्र जैन पर हवाला कारोबारियों से कनेक्शन का आरोप लगा. आरोप लगा था कि जैन और उनकी पत्नी की चार कंपनियों ने 2010 से 2016 के बीच 56 कागजी कंपनियों के जरिए गैरकानूनी ढंग से 16 करोड़ 39 लाख रुपये का लेन देन किया. इस मामले में जैन के खिलाफ इनकम टैक्स की जांच चल रही है. सवाल ये उठ रहे हैं कि आखिर केजरीवाल सत्येंद्र जैन के साथ जमकर क्यों खड़े हैं. जबकि वो दर्जनों बार स्वच्छ छवि और स्वच्छ सरकार की वकालत कर चुके हैं.