नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं. अब सवाल ये उठ रहा है कि स्वच्छ राजनीति की वकालत करने वाले अरविंद केजरीवाल क्या इस्तीफा देंगे. ये सवाल इसलिए क्योंकि दिल्ली की राजनीति में अरविंद केजरीवाल इस्तीफा मांगने में सबसे आगे रहे हैं.
जिस तरह आरोपों की राजनीति से अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में अपनी जगह बनाई अब ठीक वैसे अरविंद केजरीवाल आरोपों की राजनीति से घिर गए हैं. इस बार अरविंद केजरीवाल दिल्ली के हटाए गए जल मंत्री कपिल मिश्रा के निशाने पर हैं. कपिल मिश्रा ने रविवार को दोपहर होते-होते दो करोड़ कैश लेने की बंदूक केजरीवाल और मंत्री सत्येंद्र जैन पर तान दी.
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इस बयान के बाद हंगामा होना तय था. आप की तरफ से उपमुख्यमंत्री सफाई देने आए तो विपक्षियों को बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया. कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा, ‘’केजरीवाल जी को अब सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. हम मंगलवार से सिग्नेचर कैंपेन चलाएंगे, पांच दिन की इस कैंपेन के जरिए उन्हें ‘राइट टू रिकॉल’ की याद दिलाएंगे.”
पांच साल पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़े योद्धा के तौर उभरे थे केजरीवाल
करीब पांच साल पहले केजरीवाल भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़े योद्धा के तौर उभरे थे. इसी की बदौलत जनता ने भरोसा भी किया और दिल्ली में बहुमत भी दिलाया. केजरीवाल मुख्यमंत्री बने. सरकार और उनके मंत्री-विधायक विवादों में घिरते रहे लेकिन केजरीवाल पर निजी तौर पर कम से कम भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा. अब पूर्व सहयोगी कपिल मिश्रा ना सिर्फ आरोप लगा रहे हैं बल्कि मामले को आगे बढ़ाते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो तक ले जाने की बात कर रहे हैँ.
भ्रष्टाचार की जांच करने वाली एसीबी के सूत्रों ने कहा है कि कपिल मिश्रा ने जो आरोप लगाए है वो बेहद संगीन है, टैंकर घौटाले की जांच एसीबी पहले ही कर रहा है, कपिल मिश्रा ने जो शिकायत एलजी को दी है, अगर ये फ़ाइल एलजी ऑफिस से एसीबी को भेजी जाती है तो पूरी जांच की जाएगी.
क्या अब आंतरिक लोकपाल से पूरे मामले की जांच करवाएंगे केजरीवाल
सत्येंद्र जैन से रिश्वत लेने का मामला अगर एसीबी तक पुहंचा तो केजरीवाल से पूछे जाने वाले सवाल बढ़ जाएंगे. सवाल ये पूछे जा रहे हैं कि क्या केजरीवाल अब आंतरिक लोकपाल से पूरे मामले की जांच करवाएंगे. क्या केजरीवाल इस मामले की जांच होने तक खुद सरकार से बाहर बैठेंगे ताकि जांच प्रभावित ना हो. क्या केजरीवाल आरोपों की जांच तक इस्तीफा देंगे.