AAP Vs BJP: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार (7 अप्रैल) को बीजेपी पर एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार दिल्ली में मासूम बच्चों के सरकारी स्कूल पर बुलडोजर चलाने की तैयारी में है.


संजय सिंह ने कहा कि सबका साथ सबका विकास की बात करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित बीजेपी दफ्तर के ठीक बगल में बने एमसीडी स्कूल को तोड़ने जा रहे हैं. यह शर्मनाक है. सीपीडब्लूईडी ने स्कूल को ध्वस्त करने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि शिक्षा को रौंदकर यहां पर अनपढ़ों के लिए आलीशान पार्क बनाया जाएगा.


सिंह ने दावा किया कि जिस दिन बीजेपी दफ्तर का उद्घाटन हुआ, उसी दिन इस स्कूल को दफन करने की भी कहानी लिखी गई. वहीं आप विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि एमसीडी के अधिकारियों पर लगातार दबाव डालकर बीजेपी स्कूल को अपने दफ्तर के कामकाज के उपयोग में लाने की कोशिश कर रही है. दिल्ली वालों के नेतृत्व में जब तक आम आदमी पार्टी की सरकार रहेगी, हम यहां के किसी सरकारी स्कूल को टूटने नहीं देगी. 


'अनपढ़ों की जमात है'


आप नेता सिंह ने कहा कि बीजेपी देश में अनपढ़ों की सबसे बड़ी जमात है. वह पूरे देश में 60 हजार सरकारी स्कूल बंद कर चुकी है. अनपढ़ों की इस जमात का सबसे बड़ा भवन यानी कि दिल्ली में बीजेपी का दफ्तर बना तो इन्होंने सबसे पहला लक्ष्य यह निर्धारित किया कि बच्चों के स्कूल पर कब्जा करना है. उन्होंने कहा कि अब तक आपने माफियाओं और गुंडों पर बुलडोजर चलते सुना होगा, लेकिन मोदी सरकार मासूम बच्चों के स्कूल पर बुलडोजर चलाने जा रही है. 


पीएम मोदी का किया जिक्र


सिंह ने दावा किया कि बीजेपी ने अपने दफ्तर के ठीक बगल वाले स्कूल पर बुलडोजर चलाने की पूरी तैयारी कर रखी है. इससे संबंधित कई कागज हमारे पास मौजूद हैं. इसमें साफ देख सकते हैं कि यह लोग शिक्षा में बिल्कुल यकीन ना रखने वाले लोग हैं. ऐसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं. उन्हें जब गुजरात जाना पड़ता है तो वह एक आर्टीफिशियल स्कूल में फोटो खिचाते हैं. गुजरात में वह एक ऐसा स्कूल नहीं बना सके, जिसमें वह जाकर फोटो खिंचवा सकें.


दुर्गेश पाठक ने क्या कहा? 


विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि बीजेपी के दफ्तर के ठीक बगल वाला स्कूल 14 कमरों का है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से राजा माहराजा जब छत पर खड़े होते हैं तो उन्हें लगता है कि अगर बगल वाली जमीन भी मिल जाए तो अपना सिस्टम और शानदार हो जाएगा. इसी प्रकार से स्कूल की जमीन पर कब्जा करने की और एमसीडी के अधिकारियों पर लगातार दबाव डालकर इस स्कूल को अपने दफ्तर के कामकाज के उपयोग में लाने की कोशिश की जा रही है.


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