नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोग्य सेतु एप पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि आरोग्य सेतु एप एक जटिल सर्विलांस सिस्टम है. ये एक प्राइवेट ऑपरेटर से आउसोर्स्ड है. इसका कोई संस्थानिक निरीक्षण भी नहीं है. ऐसे में ये एक गंभीर डाटा सिक्योरिटी और प्राइवेसी का मामला खड़ा होता है.
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा, ''तकनीक हमें सुरक्षित रखने में मदद करता है लेकिन सहमति के बिना नागरिकों को ट्रैक करने के लिए भय का लाभ नहीं उठाया जाना चाहिए.'' जाहिर है कि सरकार की तरफ से ये आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड करने के लिए कहा जा रहा है.
रविशंकर प्रसाद ने किया पलटवार
राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''रोज एक नया झूठ. आरोग्य सेतु एक मजबूत साथी है जो लोगों की सुरक्षा करता है. इसमें एक मजबूत डेटा सुरक्षा का आर्किटेक्चर है. जिन लोगों ने अपने पूरे जीवन को निगरानी में रखा, वे नहीं जानते कि अच्छे के लिए तकनीक का लाभ कैसे उठाया जा सकता है! अब आरोग्य सेतु को विश्व स्तर पर सराहा जा रहा है. यह एप किसी भी निजी ऑपरेटर से आउटसोर्स्ड नहीं है. मिस्टर गांधी ये उचित समय है कि आप अपने ट्वीट्स को अपने साथियों को आउटसोर्स करना बंद करें जो भारत को नहीं समझते हैं.''
इससे पहले एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एप की प्राइवेसी पर सवाल उठाए थे. इस पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जवाब देते हुए कहा कि पूरी दुनिया में इस एप की तारीफ हो रही है . ये अगले एक-दो साल तक जारी रहेगा.
सभी पब्लिक और प्राइवेट क्षेत्र के लिए ये एप अनिवार्य
गौरतलब है कि कोरोना वायरस की जानकारी देने और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए बनाए गए महत्वपूर्ण मोबाइल एप्लिकेशन 'आरोग्य सेतू' एप को अब सभी पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. कर्मचारियों को ये मोबाइल एप डाउनलोड करना ही होगा. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोकल अथॉरिटी से ये सुनिश्चित करने को कहा है कि कंटेनमेंट जोन में रहने वाले सभी लोग इस एप को डाउनलोड करें. इससे केंद्रीय कर्मचारियों के लिए इस एप को अनिवार्य किया गया था.
कैसे काम करता है ये एप?
ये एप मूल रूप से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के ज़रिए काम करता है. यूजर के ब्लूटूथ से ये पता चलता है कि वो किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आया है या नहीं...और अगर आया भी है तो कितनी दूरी से आया है. अगर ऐसा होता है तो एप में स्टेटस का रंग हरा (सुरक्षित) से नारंगी या फिर लाल हो जाएगा. स्टेटस बदलने पर यूजर को एक नोटिफिकेशन भी भेजा जाता है. ये एप अंग्रेजी और हिंदी समेत 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है.
कांग्रेस ने कहा- लॉकडाउन 3 की घोषणा करने न पीएम मोदी आए न गृहमंत्री अमित शाह